अनुच्छेद 370 / पाकिस्तान आज एलओसी पर रैली निकालेगा, भारतीय सेना की चेतावनी- नियंत्रण रेखा का उल्लंघन न हो

पाकिस्तानी सेना पीओके के लोगों को जोखिम में धकेल रही है, ताकि दुनिया का ध्यान अपनी ओर करने के लिए मानवीय संकट खड़ा किया जा सके। पाकिस्तान की इस तैयारी का मकसद जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना है। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नाकामियों पर पर्दा डालना है। 

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  • सैन्य सूत्रों के मुताबिक- पाकिस्तानी सेना दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए पीओके के लोगों को जोखिम में डाल रही
  • 27 अक्टूबर को को पाकिस्तान का धार्मिक संगठन जमीयत- उलेमा-ए-इस्लाम इमरान के खिलाफ मार्च निकालेगा, आर्थिक संकट में डालने का आरोप

नई दिल्ली. अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर दुनियाभर में दुष्प्रचार नाकाम रहने के बाद पाकिस्तान अब एक खतरनाक पैंतरा आजमाने जा रहा है। पाकिस्तानी सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोगों को भड़काकर शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के लिए मार्च निकालने जा रही है। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एजेंसियों को चेताया है कि मार्च के दौरान नियंत्रण रेखा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। नियंत्रण रेखा पर किसी भी हरकत का तत्काल जवाब दिया जाएगा।

सैन्य सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना पीओके के लोगों को जोखिम में धकेल रही है, ताकि दुनिया का ध्यान अपनी ओर करने के लिए मानवीय संकट खड़ा किया जा सके। पाकिस्तान की इस तैयारी का मकसद जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना है। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नाकामियों पर पर्दा डालना है।

पाकिस्तान में ही इमरान का विरोध
पाकिस्तान के एक बड़े दक्षिणपंथी धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा ए इस्लाम ने इमरान खान की सरकार को हटाने के लिए 27 अक्टूबर को आजादी मार्च का ऐलान किया है। इस संगठन ने आरोप लगाया है कि सरकार ने देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया है। इसलिए इसे हटाने के लिए मार्च किया जाएगा।

15 दिन से रिहायशी इलाकों में गोलाबारी कर रहा पाक
जम्मू-कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों में पाकिस्तान लगातार गोलाबारी कर रहा है। कठुआ के हीरानगर सेक्टर में बुधवार रात पाकिस्तानी फायरिंग के कारण पशुओं के बाड़े में आग लग गई। पाकिस्तानी सेना 15 दिन से फायरिंग कर रही है। कई बार तो गोलियां लोगों के सिर के ऊपर से निकलती हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब से अपने अमेरिका दौरे से वापस लौटे हैं, तभी से उनपर संकटों के बादल छाए हैं. पाकिस्तान में अब लगातार तख्तापलट की अटकलें तेज हो रही हैं, सेना प्रमुख कमर बाजवा खुद व्यापारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बीच अटकलें ये भी जारी हैं कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. इस सवाल का सामना खुद शाह महमूद कुरैशी को भी करना पड़ा.

पाकिस्तान न्यूज़ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर बात की. इसी दौरान उनसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पद पर सवाल पूछा गया, इसका जवाब देते हुए शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘..हमें बहुमत इमरान खान के नाम पर मिला है, वही हमारी अगुवाई कर रहे हैं ऐसे में ये साफ है कि वही प्रधानमंत्री हैं और आगे भी बने रहेंगे.’

दरअसल, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस वक्त इमरान खान की सरकार के खिलाफ ‘फ्रीडम मार्च’ निकल रहा है. पाकिस्तान की एक मुख्य दक्षिणपंथी पार्टी ने गुरुवार को घोषणा की कि वह प्रधानमंत्री इमरान खान की ‘अक्षम’ सरकार को अपदस्थ करने के लिए ‘आजादी मार्च’ शुरू करेगी.

जमियत अलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल (JUIF) के प्रमुख मौलाना फज्लुर रहमान का यह फैसला मुख्य विपक्षी पार्टियों PML-N और PPP के फैसले के बाद आया है. दोनों पार्टियां राजधानी में इमरान की सरकार के खिलाफ संयुक्त मार्च निकाल रही हैं. विपक्ष का आरोप है कि इमरान खान आर्थिक मोर्चे पर कुछ नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में उन्हें सत्ता से हटा देना चाहिए.

और क्या बोले पाकिस्तानी विदेश मंत्री?

इस इंटरव्यू में शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर पर बात की, उन्होंने कहा कि ये मसला कोई 20-20 मैच की तरह नहीं है जब 72 साल में कुछ नहीं हुआ तो अब अचानक कैसे होगा. उन्होंने कहा कि मैं सोशल मीडिया के दबाव में काम नहीं कर रहा हूं.

इस बीच जब उनसे जम्मू-कश्मीर पर दुनिया के समर्थन की बात पूछी गई तो उन्होंने अपने उस ट्वीट को दोहराया कि 58 देशों ने उनके समर्थन में पत्र लिखा है. भारत के साथ बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी दोनों देशों के बीच बातचीत का माहौल नहीं है.

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