पुरस्कार / इरीट्रिया से 20 साल चला सीमा विवाद खत्म कराने वाले इथियोपियाई पीएम को शांति का नोबेल
2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद ही अबिय ने इरीट्रिया के साथ शांति वार्ता को शुरू किया 2018 में शांति का नोबेल कांगो के डेनिस मुकाबे और इराक की नादिया मुराद को संयुक्त रूप से दिया गया
ओस्लो. 2019 का शांति का नोबेल इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबिय अहमद अली (43) को दिया गया। अबिय अहमद अली ने पड़ोसी देश इरीट्रिया के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए कदम उठाए। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने इन कोशिशों के लिए अबीय को नोबेल पुरस्कार दिया।
#NobelPeacePrize 2019 to be awarded to Ethiopian Prime Minister AbiyAhmedAli for efforts to achieve peace and international cooperation, and in particular for his decisive initiative to resolve the border conflict with neighbouring Eritrea, reports ANI. … pic.twitter.com/I59S05i5Yn
— Dipankar Nandi (@finddipankar) October 11, 2019
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने अबिय अहमद को शांति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए किए गए प्रयासों के लिए नोबेल से सम्मानित किया। अबिय को मिले इस सम्मान के जरिए इथियोपिया और पूर्व व उत्तर-पूर्व अफ्रीकी क्षेत्र में शांति के लिए प्रयास कर रहे सभी लोगों को भी पहचान मिली है।
BREAKING NEWS:
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the Nobel Peace Prize for 2019 to Ethiopian Prime Minister Abiy Ahmed Ali.#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/uGRpZJHk1B— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 11, 2019
आर्मी में इंटेलिजेंस अफसर थे अबिय
अली आर्मी में इंटेलिजेंस अफसर थे। उन्होंने देश में बड़े पैमाने पर आर्थिक और राजनीतिक सुधार लागू किए। उन्होंने इथियोपिया के अपने पड़ोसी देश इरीट्रिया से 20 साल चले विवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें नोबेल दिए जाने के लिए यही सबसे बड़ा आधार बना। अबिय 2018 में प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने साफ कर दिया था कि वे इरीट्रिया के साथ शांति वार्ता को दोबारा शुरू करेंगे। इरीट्रिया के राष्ट्रपति इसाइआस अफवेरकी के साथ अबिय ने शांति समझौते के लिए तेजी से काम किया और दोनों देशों के बीच लंबे अर्से से चले आ रहे विवाद को खत्म किया।
शांति के नोबेल पुरस्कार से जुड़े तथ्य
- 1901 से 2018 तक कुल 99 शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह 133 लोगों/संस्था को यह प्रदान किया गया। 19 अवसरों पर इसकी घोषणा नहीं की गई।
- शांति के नोबेल पुरस्कार से कुल 17 महिलाएं सम्मानित की गईं। 89 पुरुषों को यह पुरस्कार दिया गया है। जबकि 27 संगठनों को शांति का नोबेल दिया गया।
- पाकिस्तान की मलाला युसुफजई (17) सबसे कम उम्र की विजेता हैं। उन्हें 2014 में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
- सबसे उम्रदराज विजेता ब्रिटेन के जोसेफ रोटब्लाट (87) हैं। उन्हें 1995 में यह पुरस्कार दिया गया।
- शांति का नोबेल अब तक दो भारतीयों मदर टेरेसा को 1979 में और कैलाश सत्यार्थी को 2014 में दिया गया था।
- वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार कांगो के डेनिस मुकाबे और इराक की नादिया मुराद को संयुक्त रुप से दिया गया।
शांति का नोबेल नॉर्वे की संसद द्वारा चुनी समिति देती है
रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज भौतिकी, रसायन और अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन करती है। कैरोलिन इंस्टीट्यूट, स्टॉकहोम, स्वीडन में नोबेल असेंबली मेडिसिन के क्षेत्र में विजेताओं के नाम की घोषणा करती है। साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश अकादमी स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा दिया जाता है और शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा नॉर्वे की संसद द्वारा चुनी गई पांच सदस्यीय समिति करती है।
Watch the very moment the 2019 Nobel Peace Prize is announced.
Presented by Berit Reiss-Andersen, Chair of the Norwegian Nobel Committee.#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/EKFZTZC8CU
— Siman Hadi (@siman_hadi) October 11, 2019
51 महिलाएं नोबेल से सम्मानित हो चुकी हैं
1901 से लेकर 2018 तक 51 महिलाएं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। मैडम मैरी क्यूरी को दो बार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 1903 में भौतिकी और 1911 में केमिस्ट्री के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था। इस हिसाब से अब तक 51 महिलाओं को नोबेल पुरस्कार मिला है।
क्यों दिया जाता है नोबेल पुरस्कार?
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म स्वीडन में 21 अक्टूबर 1833 को हुआ था। अल्फ्रेड रसायनशात्री और इंजीनियर थे। 10 दिसंबर 1896 को इटली के सौन रेमो में अल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ। युद्ध में भारी तबाही मचाने वाले अपने अविष्कारों को लेकर अल्फ्रेड नोबेल भारी पश्चाताप था इसलिए उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति का इस्तेमाल मानव हित के लिए किए गए आविष्कारों में करने का फैसला लिया और नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की। उन्होंने अपनी वसीयत में हर साल भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को पुरस्कार देने की घोषणा की।
नोबेल पुरस्कार में क्या मिलता है?
नोबेल पुरस्कार के हर विजेता को करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। इसके साथ 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। पदक के एक ओर नोबेल पुरस्कार के जनक अल्फ्रेड नोबेल की छवि, उनके जन्म तथा मृत्यु की तारीख लिखी होती है। पदक की दूसरी तरफ यूनानी देवी आइसिस का चित्र, रॉयल एकेडमी ऑफ साइंस स्टॉकहोम तथा पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की जानकारी होती है।
किसे मिला है साल 2019 का नोबल पुरस्कार
नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में नोबेल पुरस्कार देना शुरू किया गया था। यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में मिलने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
- इस साल सोमवार से नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम का ऐलान होना शुरू हो गया है। शांति शांति के क्षेत्र के लिए भी नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। इस बार शांति का नोबेल पुरस्कार इथोपिया के प्रधानमंत्री एबे अहमद अली को दिया गया है। वह इथोपिया के पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। शांति के क्षेत्र में दिया गया ये 100वां नोबेल पुरस्कार है।
- साहित्य क्षेत्र साहित्य के क्षेत्र में पोलिश लेखक ओल्गा टोकार्चुक और पीटर हैंडका को नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इनमें ओल्गा टोकार्चुक को 2018 के लिए जबकि पीटर हैंडका को 2019 के लिए पुरस्कार दिया जाएगा। बता दें बीते साल किसी को भी साहित्य का पुरस्कार नहीं दिया गया था। इसलिए इस बार पिछले साल के विजेता के नाम का एलान भी हुआ है।
- प्रतिष्ठित पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी ने बीते साल एक यौन उत्पीड़न मामले के कारण पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी। टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार भी दिया गया था। उन्हें साल 2018 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
- इस साल के साहित्य में नोबेल पुरस्कार हैंडका को दिया गया। 76 साल के हैंडका ऑस्ट्रियाई उपन्यासकार और नाटककार हैं। उन्हें मानवीय अनुभवों की विशेषता और परिधि के बाहर एक प्रभावशाली काम करने के लिए ये पुरस्कार दिया गया है।
- वहीं 57 साल की पोलिश लेखक टोकार्चुक को जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिए पुरस्कार दिया गया है। रसायन शास्त्र रसायन शास्त्र के क्षेत्र में नोबेल के लिए बुधवार को तीन वैज्ञानिकों के नाम की घोषणा हुई है। इन्हें लिथियम-आयन बैटरी बनाने के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये तीन वैज्ञानिक जॉन बी गुडइनफ, एम स्टेनली व्हिटिंगम और अकीरा योशिनो हैं।
- इन्होंने रिचार्जेबल उपकरण बनाए हैं। जिनका इस्तेमाल पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है। वैज्ञानिक जॉन बी गुडइनफ की उम्र 97 साल है। इसलिए वह इस पुरस्कार को जीतने वाले सबसे ज्यादा उम्र के वैज्ञानिक बन गए हैं। ये विजेता पुरस्कार में मिलने वाली राशि को साझा करेंगे। जो करीब 1.01 मिलियन डॉलर (लगभग 7.40 करोड़ रुपये) है।
- भौतिकी क्षेत्र भौतिकी के क्षेत्र में 2019 का नोबेल पुरस्कार कनाडा मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक जेम्स पीबल्स और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों माइकल मेयर और डिडियर क्वेलोज को दिए जाने की घोषणा की गई है। जेम्स पीबल्स को ब्रह्माण्ड विज्ञान पर नए सिद्धांत रखने, मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज को सौरमंडल से परे एक और ग्रह खोजने के लिए संयुक्त रूप से पुरस्कार दिए जाने के लिए चुना गया है।
- बता दें जेम्स पीबल्स ने बिग बैंग, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी पर जो काम किया है, उसे ही ब्रह्मांड विज्ञान का आधार माना जाता है। मिशेल और डिडिएर ने 51 पेगासी बी ग्रह की खोज की थी। गैस से बना यह विशाल ग्रह पृथ्वी से 50 वर्ष दूर एक तारे की परिक्रमा लगा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस साल पुरस्कार की राशि का आधा हिस्सा जेम्स को दिया जाएगा, जबकि दूसरे हिस्से को मेयर और डिडिएर के बीच आधा-आधा बांट दिया जाएगा।
- चिकित्सा क्षेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल तीन वैज्ञानिकों को दुनिया के सर्वोच्च सम्मान से नवाजे जाने के लिए चुना गया है। ये तीन वैज्ञानिक अमेरिका के विलियम कैलीन, ग्रेग सीमेंजा और ब्रिटेन के पीटर रैटक्लिफ हैं। तीनों वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से प्रतिष्ठित नोबेल 2019 सम्मान से नवाजा जाएगा। इन वैज्ञानिकों को कोशिकाओं में जीवन और ऑक्सीजन को ग्रहण करने की क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा।
- नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का कार्यक्रम-
- शुक्रवार, 11 अक्टूबर- शांति
- सोमवार, 14 अक्टूबर- अर्थशास्त्र
ये हैं 2018 के नोबेल पुरस्कार विजेता-
1. चिकित्सा- चिकित्सा के क्षेत्र में अमेरिका के जेम्स पी. एलिसन और जापान के तासुकू होन्जो को नोबेल पुरस्कार मिला था। इन्हें इम्यून चेकपॉइंट थ्योरी के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2. भौतिकी- भौतिकी के क्षेत्र में अमेरिका के ऑर्थर अश्किन, फ्रांस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड के नोबेल से सम्मानित किया गया था। इन्हें लेजर फिजिक्स के क्षेत्र में अपने काम के लिए ये पुरस्कार मिला था।
3. रसायन- रसायन के क्षेत्र में बीते साल अमेरिका की फ्रांसेस अर्नोल्ड, अमेरिका के जॉर्ज स्मिथ और ब्रिटेन के ग्रेगरी विंटर को नोबेल मिला था। इन्हें ये पुरस्कार डायरेक्टेड इवॉल्यूशन और फेज डिस्प्ले के क्षेत्र में नई खोजों के लिए दिया गया था।
4. शांति- शांति के क्षेत्र में इराक की नादिया मुराद और अफ्रीका के डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के डेनिस मुकवेज को नोबले मिला था। नादिया ने यौन हिंसा के खिलाफ मुहिम चलाई थी। डेनिस ने यौन हिंसा की शिकार महिलाओं का इलाज किया था।
5. अर्थशास्त्र- अमेरिकी अर्थशास्त्री विलियम डी. नॉर्डहॉस और पॉल एम रोमर को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल से सम्मानित किया गया था। इन्हें ये पुरस्कार जलवायु परिवर्तन पर नई तकनीक की खोज के लिए दिया गया था।
6. साहित्य- साहित्या के क्षेत्र में किसी को भी नोबेल नहीं मिला था। क्योंकि नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करने वाली ‘दि स्वीडिश कमिटी’ कई झंझावतों से गुजर रही थी। इस कमिटी में शामिल 18 सदस्यों में से एक कटरीना फ्रॉस्टेनशन के फटॉग्रफर पति जीन क्लोड अनॉर्ल्ट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा और फिर बलात्कार के जुर्म में दो साल की सजा सुनाई गई थी। कई सदस्यों ने इस्तीफा तक दे दिया था।