वित्त मंत्री ने विदेशी निवेशकों से कहा- भारत पूंजीपतियों का सम्मान करने वाला देश

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार साप्ताहिक आधार पर कॉर्पोरेट सेक्टर और निवेशकों से जुड़ने के प्रयास कर रही है। हम सभी की बात सुनकर उन्हें प्रतिक्रिया देना चाहते हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से नि‌वेश की सीमा बढ़ाने की अपील की। इस पर सीतारमण ने कहा कि इस बारे में ज्यादा जानकारी चाहती हैं। 

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  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यक्रम में निवेशकों को संबोधित किया
  • कहा- भारतीय व्यवस्थाएं और समाज पारदर्शी, आर्थिक सुधारों का सिलसिला जारी

वॉशिंगटन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि विदेशी निवेशकों को भारत जैसा लोकतंत्र से प्यार करने वाला और पूंजीपतियों का सम्मान करने वाला देश नहीं मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में बुधवार को आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार सुधार कर रही है। भारत अब भी दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है। हमारे पास सबसे अच्छी स्किल्ड मैनपावर है।

सीतारमण ने कहा कि सरकार सुधार के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। सत्र में निवेशकों ने वित्त मंत्री से पूछा कि आखिर वे भारत में पैसा क्यों लगाएं? सीतारमण ने जवाब दिया, “भारत की न्याय व्यवस्था थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन यहां का समाज पारदर्शी है। यहां कानून सर्वोपरि है। समस्याएं खत्म करने की प्रक्रिया जारी है।”

सरकार कारोबारियों और निवेशकों की बात सुन रही: सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार साप्ताहिक आधार पर कॉर्पोरेट सेक्टर और निवेशकों से जुड़ने के प्रयास कर रही है। हम सभी की बात सुनकर उन्हें प्रतिक्रिया देना चाहते हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री से नि‌वेश की सीमा बढ़ाने की अपील की। इस पर सीतारमण ने कहा कि इस बारे में ज्यादा जानकारी चाहती हैं।

‘समस्याएं सुलझाने के लिए बजट का इंतजार नहीं’

अर्थव्यवस्था पर किए गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार दबाव में चल रहे सेक्टर्स की समस्याएं सुलझाने के लिए कदम उठा रही है। इस साल एक अंतरिम बजट के बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया। समस्याएं सुलझाने के लिए हमने अगले बजट का इंतजार नहीं किया। हम हर 10 दिन में सेक्टर विशेष की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।

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