नई दिल्ली. निर्भया के चारों दुष्कर्मियों को शुक्रवार तड़के 5.30 बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले तिहाड़ जेल में दुष्कर्मियों की बिहैवियर स्टडी कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक फांसी से एक दिन पहले चारों अजीबोगरीब हरकत कर रहे हैं। वे अपनी बैरक से बार-बार बाहर झांकते हैं। स्टाफ को बुलाते हैं। दोषी विनय शर्मा और पवन गुप्ता सबसे ज्यादा आसामान्य व्यवहार कर रहे हैं। मुकेश और अक्षय काफी हद तक सामान्य हैं।
फांसी से पहले जेल में चारों दुष्कर्मियों का व्यवहार
विनय शर्मा: इसकी मानसिक स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। विनय अपने बैरक में कुछ भी अनाप-शनाप बोल रहा है। वह बार-बार यह दिखाने की भी कोशिश करता है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। हाालांकि लगातार आधे घंटे बात करने के बाद उसका बर्ताव हो सामान्य हो जाता है।
विनय पहले जेल नंबर 4 में था। वहां उसे एक अन्य कैदी से प्यार हो गया था। अभी विनय जेल नंबर तीन में है। यहां जेल स्टाफ से विनय बार-बार कहता है कि उसे उसके दोस्त से मिलवाओ। कुछ दिन पहले उसे चिट्ठी भी लिखी थी। जवाब में दूसरे कैदी ने भी विनय को चिट्ठी लिखी। जेल स्टाफ ने उसे चिट्ठी पढ़कर भी सुनाया। कुछ दिन पहले ही विनय ने यह कहते हुए खाना ही छोड़ दिया था कि उसे अपने दोस्त के पास जाना है। इसके बाद डीजी जेल ने उसे समझाया कि ऐसा मत करो।
पवन गुप्ता: स्टाफ के साथ जेल में ही गाली-गालौज करने लगता है। कभी कहता है कि बैरक से बाहर निकालो। सबसे ज्यादा सेवादार को गाली देता है। बार-बार दरवाजे को भी खटखटाता है।
मुकेश सिंह: सबसे शांत है। किसी से कुछ नहीं बोल रहा है। जेल अधिकारियों के मुताबिक मुकेश मानसिक तौर पर तैयार लग रहा है कि उसे फांसी होना लगभग तय है। इसलिए हमेशा बस चुपचाप देखता रहता है।
अक्षय ठाकुर: इसे अभी भी लग रहा है कि फांसी टल सकती है, इसलिए बेचैन है। जब उसे पता चला कि पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी लगाई है, तब वह खुश दिख रहा था। जेल स्टाफ और वकील से बार-बार खबर लेता रहता है।
जेल नंबर-3 में हैं चारों दुष्कर्मी, चार अलग-अलग कमरों में बंद हैं
चारों दुष्कर्मी जेल नंबर-3 में वार्ड-8 के ए-ब्लॉक में बंद हैं। यहां 10 कमरे हैं। इनमें से छह खाली हैं। ये चार अलग-अलग कमरों में रखे गए हैं। इनके कमरों में बाहर से सिर्फ हल्की धूप आती है। दिन में एक बार एक-एक घंटे के लिए बाहर निकाले जाते हैं। इस दौरान एक-दूसरे से बात करते हैं। हालांकि जहां बातचीत करते हैं, वहां इनके बीच जाली लगी हुई है। इस दौरान इनके साथ जेल कर्मी भी रहते हैं। वे कई बार कहते हैं कि उन्हें एक साथ बैठकर बात करना है।
जिस वार्ड में ये चारों दुष्कर्मी बंद हैं, वहां से फांसी घर सिर्फ 5 मीटर की दूरी पर है
जिस वार्ड में ये चारों दुष्कर्मी बंद हैं, वहां से फांसी घर केवल 5 मीटर की दूरी पर है। पहले फांसी घर में दो अलग-अलग चबूतरे थे। अब एक नया चबूतरा बनाया गया है, इस पर एक साथ चारों को फांसी दी जाएगी। हालांकि एक रस्सी से दो फंदे ही खिचेंगे। इसलिए दो रस्सियां लगाई गई हैं। इसे बनाने में 25 लाख रुपए खर्च हुए हैं। पवन जल्लाद भी दुष्कर्मियों को फांसी देने के लिए बिल्कुल तैयार है। वह फांसी घर में डमी फंसी का ट्रायल भी कर चुका है।