सरकार ने लोगों पर फोड़ा कोरोना का ठीकरा, कहा- समर्थन न मिलने से बढ़ रहे हैं केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कुछ जगहों पर लोगों का समर्थन नहीं मिलने से ये केस बढ़ें हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हम तभी सफल होंगे जब सबका समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोग लॉकडाउन का समर्थन करें तभी लड़ाई में सफलता मिलेगी.
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना पर ली जा रही विदेशों से मदद
- लोगों का समर्थन नहीं मिलने से बढ़ रहे कोरोना के केस: लव अग्रवाल
देश में महामारी कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना मरीजों की संख्या 1400 पार चली गई है, जबकि 41 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना के मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफे के लिए सरकार ने लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि कोरोना से लड़ाई के लिए हम सबको साथ आना होगा. हमें साथ लड़ना होगा. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि लोगों का समर्थन नहीं मिलने से मामले बढ़ रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कुछ जगहों पर लोगों का समर्थन नहीं मिलने से ये केस बढ़ें हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हम तभी सफल होंगे जब सबका समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोग लॉकडाउन का समर्थन करें तभी लड़ाई में सफलता मिलेगी.
जल्द शुरू होंगे डेडिकेटेड अस्पताल
लव अग्रवाल ने आगे कहा कि कोरोना के बाबत पीएम मोदी ने दुनियाभर में मौजूद भारत के राजदूतों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की है. कोरोना के लेकर आज ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की भी बैठक आयोजित की गई जिसमें कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पतालों को जल्द से जल्द फंक्शनल बनाने पर चर्चा की गई.
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय ने देश में रसद वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरिया, तुर्की और वियतनाम के आपूर्तिकर्ताओं को आइडेंटिफाई किया है. N95 मास्क की आपूर्ति बढ़ाने के लिए डीआरडीओ स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर काम कर रहा है.
लव अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जिलाधिकारियों, नगर निगमों और पुलिस को महामारी रोग अधिनियम के तहत उन मामलों की जांच करने का आदेश जारी किया है, जहां मकान मालिक डॉक्टरों और नर्सों को कमरा खाली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने जिलाधिकारियों, नगर निगमों और पुलिस को महामारी रोग अधिनियम के तहत उन मामलों की जांच करने का आदेश जारी किया है, जहां मकान मालिक डॉक्टरों और नर्सों को कमरा खाली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.