Indian Railways: महाराष्ट्र, पंजाब से बिहार, बंगाल की ट्रेनों में भारी भीड़, पीएम मोदी ने लोगों से शहर नहीं छोड़ने के लिए कहा

मुंबई से बिहार बंगाल और पूर्वोत्तर जाने वाली ट्रेनों में जनरल क्लास के यात्रियों के बीच अपने घर पहुंचने की होड़ देखी गई। ...

0 1,000,447

नई दिल्ली। कोरोना विरोधी मुहिम के तहत जहां रेलवे ने स्टेशनों पर यात्रियों के बीच दूरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। वहीं रविवार की ट्रेन बंदी के कारण शनिवार को मुंबई, लुधियाना स्टेशनों और ट्रेनो में प्रवासी मजदूरों की उमड़ी भीड़ को काबू करने में रेल प्रशासन नाकाम होता दिखाई दिया। मुंबई से पटना, कोलकाता और गुवाहाटी जाने वाली ट्रेने खचाखच भरी हुई थीं और स्क्रीनिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही थी। पीएम मोदी ने लोगों से शहर नहीं छोड़ने के लिए कहा है।

महाराष्ट्र, पंजाब से बिहार, बंगाल और पूर्वोत्तर की ट्रेनों में दिखा सैलाब

रेलवे की ओर से स्टेशनों पर भीड़ कम करने के उपाय किए अवश्य गए हैं, लेकिन अचानक उमड़ी भीड़ के कारण ये उपाय नाकाफी नजर आए। पीआरएस काउंटरों पर बुकिंग के लिए एक-एक मीटर दूरी पर लाइनें पेंट की गई हैं। लेकिन निगरानी तंत्र के अभाव में बहुत कम जगहों पर यात्री इस दूरी का पालन करते दिखाई दिए। इसी प्रकार प्लेटफार्मो पर ट्रेन में चढ़ते समय दूरी का नियम भंग होता रहा और यात्रियों के बीच पहले चढ़ने की होड़ देखी गई। जबकि कई ट्रेने रद होने तथा शनिवार रात से रविवार रात तक ट्रेन संचालन पूरी तरह बंद रहने के ऐलान के बाद मुंबई से बिहार, बंगाल और पूर्वोत्तर जाने वाली ट्रेनों में जनरल क्लास के यात्रियों के बीच अपने घर पहुंचने की होड़ देखी गई। नतीजतन, ट्रेनों के भीतर, खासकर जनरल बोगियों में वहीं नजारा देखने में आ रहा था जो आम तौर पर छठ, दुर्गापूजा अथवा होली, दीवाली के दिनों में नजर आता है। इसे लेकर पीएम मोदी ने भी लोगों ने आह्वान किया है।

पीएम मोदी बोले, शहर छोड़कर न जाएं लोग 

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना के भय से मेरे बहुत से भाई-बहन जहां रोजी-रोटी कमाते हैं, उन शहरों को छोड़कर अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। भीड़भाड़ में यात्रा करने से इसके फैलने का खतरा बढ़ता है। आप जहां जा रहे हैं, वहां भी यह लोगों के लिए खतरा बनेगा। आपके गांव और परिवार की मुश्किलें भी बढ़ाएगा। मेरी सबसे प्रार्थना है कि आप जिस शहर में हैं, कृपया कुछ दिन वहीं रहिए। इससे हम सब इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर भीड़ लगाकर हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कृपया अपनी और अपने परिवार की चिंता करिए, आवश्यक न हो तो अपने घर से बाहर न निकलिए।

रिफंड नियमों में ढील देने का ऐलान

हालांकि, स्टेशनों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग के सकारात्मक परिणाम भी देखने में आ रहे हैं। भीड़ के साथ अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग के परिणामस्वरूप शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार शाम तक ट्रेनों में कोरोना पॉजिटिव यात्रियों के एक दर्जन मामले पकड़ में आए हैं। इनमें एक मामला बंगलूर-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का है। जिसमें एक युगल को क्वारंटाइन मुहर के साथ देखे जाने पर काजीपेट में उतार लिया गया। यात्रियों की जागरूकता ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। अधिकांश मामलों में सह-यात्रियों की सूचना के बाद लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है। इस बीच रेलवे ने लोगों से बहुत जरूरी न होने पर ट्रेन यात्रा से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। रेलवे ने रिफंड नियमों में भी ढील देने का ऐलान किया है और ट्रेन रद होने या स्वयं यात्रा यात्रा रद करने की स्थिति में रिफंड का आवेदन करने के लिए एक से दो महीने तक का समय दे दिया है।

डोमेस्टिक एयरपोर्ट खाली-खाली नजर आए

शनिवार को जहां ट्रेनो में भीड़ रही, वहीं डोमेस्टिक एयरपोर्ट प्राय: खाली-खाली नजर आए। दिल्ली के डोमेस्टिक टर्मिनल-2 पर एक परिचित को छोड़ने गए इस संवाददाता को वहां इक्का-दुक्का यात्री ही दिखाई दिए। टर्मिनल 1 का भी कुछ ऐसा ही हाल बताया गया। हालांकि इसकी एक वजह यात्रियों को दूर-दूर रखने की रणनीति भी थी। परंतु इंटरनेशनल उड़ाने हैंडल करने वाले टर्मिनल-3 का नजारा एकदम अलग था। जहां 22 मार्च से सभी इंटरनेशनल उड़ाने बंद होने के ऐलान के बाद विदेशों से आने वाली उड़ानों के यात्रियों की अनिवार्य स्क्रीनिंग के कारण भारी भीड़ दिखाई पड़ रही थी।

राजेश सॉहनी नामक एक यात्री ने इस स्थिति पर ट्वीट भी किया और वीडियो के साथ दिखाया कि किस तरह विश्व के सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट में से एक माने जाने वाले दिल्ली एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल एरायवल एरिया में यात्रियों का हुजूम बस अड्डे से भी बुरी सूरतेहाल को दर्शा रहा है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.