नई दिल्ली, एजेंसियां। दिल्ली एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के ये झटके 10 बजकर 31 मिनट पर महसूस किए गए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंजाब, जम्मू कश्मीर, हरियाणा में भी महसूस किए गए है। इससे पहले आज ही राजस्थान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
उत्तर भारत शुक्रवार देर रात भूकंप के झटकों से हिल गया। दिल्ली-NCR, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था, जहां रात 10:31 बजे 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। इसी का असर भारत के कई राज्यों में महसूस किया गया। हालांकि इससे पहले NCS ने भारत में आए भूकंप का केंद्र अमृतसर में बताया था, लेकिन बाद में यह जानकारी हटा दी गई।
राजधानी दिल्ली में ऊंची रिहायशी इमारतों में रहने वाले लोग आनन-फानन में बाहर निकल आए। हालांकि, निचली इमारतों में रहने वाले बहुत से लोगों ने झटके महसूस नहीं किए। भूकंप रात 10 बजकर 31 मिनट पर आया। जानकारी के मुताबिक, पंजाब के अमृतसर में रात 10 बजकर 34 मिनट पर भूकंप का दूसरा झटका भी महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। भूकंप के झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए। राहत की बात यह है कि अभी तक जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी झटके
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी लोगों ने झटके महसूस किए। दुनियाभर में भूकंप पर नजर रखने वाली अमेरिकी संस्था USGS के मुताबिक, ताजिकिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.9 थी। ये भूकंप 10 बजकर 31 मिनट पर आया था। वहीं, पाकिस्तान के नेशनल सीस्मिक मॉनिटरिंग सेंटर के मुताबिक, इसकी तीव्रता 6.4 थी। पाकिस्तान के इस्लामाबाद और लाहौर के अलावा खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
जम्मू-कश्मीर में भी कांपी धरती
जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस होने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2005 के भूकंप के बाद किसी झटके ने घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। मैंने एक कंबल उठाया और भागा। धरती हिल रही थी, तो मुझे अपना फोन लेना तक याद नहीं रहा।
ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
भारतीय उपमहाद्वीप में कई जगह भूकंप का खतरा
भारत को भूकंप के खतरे के आधार पर जोन-2, 3, 4 और 5 में बांटा गया है। जोन-2 सबसे कम खतरे वाला और जोन-5 सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन माना जाता है।
दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्से सीमित खतरे वाले जोन-2 में आते हैं। मध्य भारत भी कम खतरे वाले जोन-3 में आता है। वहीं, जोन-4 में जम्मू और कश्मीर का कुछ हिस्सा, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, उत्तर बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र शामिल हैं। जोन-5 में जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी और मध्य हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार, उत्तर-पूर्व भारत, कच्छ का रण और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह आते हैं।