नक्सलवाद के खिलाफ धीमी लड़ाई से नाखुश हैं अमित शाह, काम नहीं कर रहे बलों की रिपोर्ट मांगी
गोपनियता की शर्त पर एक सीआरपीएफ के अधिकारी ने न्यूज18 को बताया है कि बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र में अगली गर्मियों तक माओवादियों के मजबूत ठिकानों को खत्म करने का लक्ष्य दिया गया है.
नई दिल्ली. देश के प्रमुख राज्यों में नक्सलवाद (Naxalism) की समस्या से निपटने के लिए गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान से शाह नाखुश हैं. बीते महीने हुई इस मीटिंग में अधिकारियों से उन बलों की जानकारी भी मांगी है, जो नक्सलवादियों के ठिकानों को खत्म नहीं कर पा रहे हैं. यह जानकारी न्यूज18 को एक अधिकारी ने दी है. गृह मंत्री की समीक्षा मीटिंग में सेंट्रल पैरा मिलिट्री बल, सेंट्रल आईबी और पांच राज्यों के सरकारी अधिकारी शामिल हुए थे.
कई राज्यों में नक्सलियों को खत्म करने के टार्गेट बनाए गए हैं
नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए बीते महीने एक मीटिंग की गई थी. इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि कहां, कब और क्यों परेशानी आ रही है. गोपनियता की शर्त पर एक सीआरपीएफ (CRPF) के अधिकारी ने न्यूज18 को बताया है कि बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र में अगली गर्मियों तक माओवादियों के मजबूत ठिकानों को खत्म करने का लक्ष्य दिया गया है. खास बात है कि इसी तरह का दावा सीपीआई माओवादी (Maoist) के साउथ सब जोनल ब्यूरो ने भी किया था.
शाह की समीक्षा मीटिंग के तुरंत बाद सीपीआई माओवादी के साउथ सब जोनल ब्यूरो ने 2 नवंबर को एक बयान जारी किया था. इस बयान में दावा किया गया था कि छत्तीसगढ़ में नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच प्रहार-3 (Prahar-3) नाम से एक ऑपरेशन की योजना बनाई जा ही है. हालांकि, सलाहकार के विजय कुमार ने ऑपरेशन या इसका समय बताने से मना कर दिया है.
हालांकि, कुमार ने न्यूज18 को बताया कि गृहमंत्री ने राज्य और केंद्र के बलों को आपस में बेहतर तरीके से काम करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा ‘गृहमंत्री ने ऐसे राज्यों की मदद करने के लिए समीक्षा की है, जो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं.’ उन्होंने बताया ‘कौन से राज्य पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं, राज्यों की आगे कैसे मदद की जा सकती है. इस तरह के मुद्दों पर चर्चा हुई.’
अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा ध्यान दी जाने वाली सूची में अभी भी छत्तीसगढ़ का नाम सबसे पहले है. दिल्ली में हुई मीटिंग के तुरंत बाद ही विजय कुमार बस्तर के हालात की समीक्षा करने राज्य और केंद्र के पुलिस अधिकारियों से मिलने सुकमा के लिए निकल गए थे. वापसी पर उन्होंने न्यूज18 को बताया ‘छत्तीसगढ़ में नक्सल जन सेना में स्थानीय लोगों को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने बताया ‘इंटेलिजेंस ने कुछ रणनीतियां बताई हैं.’ इसके अलावा गृहमंत्री ने राज्य और केंद्र की पुलिस के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए कहा है.