लॉकडाउन 4.0 के बाद क्या? गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से की चर्चा
देश में 17 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण (Lockdown 4.0) जारी है जो कि 31 मई को समाप्त होने जा रहा है ऐसे में लॉकडाउन के पांचवे चरण को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की है. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के चौथे चरण और 31 मई के बाद अमल में लाए जाने वाले उपायों पर चर्चा की. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के अगले चरण में लगाई जाने वाली पाबंदियों और छूटों पर उनकी राय जानी. मुख्यमंत्रियों से यह भी पूछा गया कि वह किन सेक्टरों को खोलने की अनुमति चाहते हैं.
देश में 17 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण (Lockdown 4.0) जारी है जो कि 31 मई को समाप्त होने जा रहा है ऐसे में लॉकडाउन के पांचवे चरण को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. देश में 17 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है जो कि 31 मई को समाप्त होने जा रहा है ऐसे में लॉकडाउन के पांचवे चरण को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं.
ज्यादा मामलों वाले शहरों पर हो सकता है फोकस
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के पांचवें चरण में धार्मिक स्थल और जिम खोलने की इजाजत दी जा सकती है. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर पूजा एवं प्रार्थना करने के लिए सोशल डिस्टेंसिग का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा और लोगों को मास्क पहनना जरूरी होगा. हालांकि किसी धार्मिक आयोजन या पर्व की अनुमति नहीं दी जाएगी.वहीं जानकारी मिली है लॉकडाउन के पांचवे चरण में शर्तों को लेकर केंद्र सरकार राज्य सरकारों को और स्वतंत्रता देना चाहती है. बता दें लॉकडाउन के चौथे चरण में भी राज्यों की मांग और उनकी आर्थिक हालत के हिसाब से केंद्र ने 17 मई को घोषित किए गए लॉकडाउन में विभिन्न तरह की छूट दी थीं.
गौरतलब है कि देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया था. इसके बाद बढ़ते मामलों की संख्या के आधार पर विभिन्न छूटों के आधार पर इस लॉकडाउन में ढील दी जाती रही. देश में जारी लॉकडाउन के चौथे चरण में अधिकतर पाबंदियां कंटेनमेंट जोन तक सीमित कर दी गई हैं. वहीं सरकार ने चुनिंदा रेल यात्राएं और घरेलू उड़ानें भी शुरू कर दी हैं. रेलवे 1 जून से 100 जोड़ी ट्रेनें चलाने जा रहा है वहीं पहले से ही 15 जोड़ी ट्रेनों के अलावा श्रमिक ट्रेनों से अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित हो सकी है.