नई दिल्ली. अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) ने भारत को हारपून ब्लॉक II (Harpoon Block II) एयर लॉन्च्ड मिसाइलों और हल्के टॉरपीडो (Lightweight Torpedoes) की करीब 155 मिलियन डॉलर यानि करीब 1,180 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दे दी है. ये एंटी-शिप मिसाइलें और टारपीडो भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के P-8I एयरक्राफ्ट में लगाई जाएंगीं. इस एयरक्राफ्ट को ‘सबमरीन किलर’ (Submarine Killer) भी कहा जाता है.
10-AGM-84L हारपून ब्लैक II (Harpoon Block II) एयर लॉन्च्ड मिसाइलें, जिनकी रेंज करीब 124 किमी है, का खर्च करीब 700 करोड़ आएगा. वहीं 16 MK 54 ऑल राउंड लाइटवेट टॉरपीडो (MK 54 All Up Round Lightweight Torpedoes) और 3 MK 54 एक्सरसाइज टॉरपीडो का खर्च 480 करोड़ रुपये आएगा. अमेरिकी कांग्रेस (Congress) को भेजे गए दो अलग-अलग नोटिफिकेशन में डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन एजेंसी ने यह जानकारी दी.
पेंटागन ने कहा, ‘भारत की बढ़ी क्षमता से स्थानीय खतरों को हटाने में मिलेगी मदद’
पेंटागन के मुताबिक, हारपून मिसाइल सिस्टम को P-8I एयरक्राफ्ट से जोड़ा जाएगा जो महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में युद्ध में काम आएगी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) और अन्य संबद्ध बलों के साथ अंतर को बढ़ाएगी.
पेंटागन (Pentagon) ने कहा, “भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का इस्तेमाल स्थानीय खतरों को हटाने और अपने देश की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करेगा. भारत को इन हथियारों को अपनी सेना में शामिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी.”
तटीय रक्षा में तैनात की जाएगी करीब 500 पाउंड की भेदन क्षमता वाली यह मिसाइल
कहा गया है, यह प्रस्तावित बिक्री, शत्रुओं के हथियार के सिस्टम के भारत पर हालिया और भावी खतरों के प्रति क्षमता (Capability) को बढ़ाएगी.
हारपून मिसाइल को बोइंग कंपनी ने बनाया है. यह भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के P-8I एयरक्राफ्ट में लगाई जाएगी, जो बोइंग के P-8s का भारतीय वर्जन है. इसमें लगाई जाने वाली 3.84 मीटर लंबी मिसाइल में 500 पाउंड की भेदन क्षमता है. साथ ही इसके वारहेड पर भारी विस्फोटक हैं. इसकी तैनाती तटीय रक्षा में की जाएगी.