देश में 1 कोरोना मरीज के इलाज में कितना हो रहा है खर्च, यहां जानिये सबकुछ

देश में कोरोना मरीजों (Covid 19 Positive) के इलाज का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे उनकी उम्र, उनको दिया जाने वाला इलाज, कोरोना वायरस संक्रमण के हमले का भार.

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नई दिल्‍ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामलों की संख्‍या बुधवार को 20 हजार के पार पहुंच गई है. 652 लोगों की इस संक्रमण (Covid 19) से मौत हो चुकी है. हालांकि 3959 कोरोना मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. देश में करीब 80 फीसदी कोरोना मरीजों का इलाज सरकारी अस्‍पतालों में किया जा रहा है. निजी अस्‍पतालों में भी उनके इलाज की सुविधा है लेकिन जो उसके खर्च को वहन कर सकता है या स्‍वास्‍थ्‍य विभाग जिसे अनुमति देता है, वही वहां इलाज करा रहा है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि भारत में एक कोरोना मरीज के इलाज में कितने रुपये का खर्च आता है?हिंदुस्‍तान टाइम्‍स में प्रकाशित खबर के मुताबिक देश में मरीजों के इलाज का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे उनकी उम्र, उनको दिया जाने वाला इलाज, कोरोना वायरस संक्रमण के हमले का भार. लेकिन एक औसत कोरोना पॉजिटिव के इलाज में जो खर्च होता है. उसके बारे में यहां जानिये…

प्रतिदिन 20 से 25 हजार रुपये खर्च
तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि एक सामान्य कोविड-19 पॉजिटिव के इलाज पर बिना वेंटिलेटर या अन्य जीवनरक्षक उपकरणों के साथ प्रतिदिन 20,000 और 25,000 रुपये खर्च होते हैं.14 दिन के इलाज में 3.50 लाख खर्च
इसका मतलब है कि एक मरीज के 14 दिन के इलाज पर 2,80,000 से 3,50,000 रुपये खर्च होते हैं. आमतौर पर लगातार तीन से पांच परीक्षण नकारात्मक होने के बाद रोगियों को छुट्टी दे दी जाती है. कुछ मामलों में एक निश्चित परिणाम जानने के लिए आठ से दस बार जांच की जाती हैं. बॉलीवुड गायक कनिका कपूर का लगातार छह परीक्षणों के बाद रिजल्‍ट नेगेटिव आया था.

टेस्‍ट की कीमत 4500 रुपये
कोविड 19 की जांच के लिए व्‍यक्ति के गले या नाक से लिए गए सैंपल (स्‍वैब) या फ्लूड टेस्‍ट के मामले में खर्च के तहत टेस्‍ट की कीमत 4,500 रुपये है (सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों और अन्य लोगों की सुनवाई के बाद निजी लैब के लिए यह शुल्क निर्धारित किया है). सिर्फ जांच किट की कीमत 3,000 रुपये है. अगर किसी व्‍यक्ति में कोविड 19 के लक्षण दिखते हैं तो उसे सरकारी खर्च पर एंबुलेंस से अस्‍पताल पहुंचाया जाता है.
कोरोना पॉजिटिव मरीज के एक बार आइसोलेशन वार्ड में चले जाने के बाद वहां के लिए कुछ विशेष निर्देश होते हैं. जैसे प्रत्येक कमरे में एक अलग शौचालय होना चाहिए और आमतौर पर किसी अन्य बेड की अनुमति नहीं होती है. यदि मरीज बुजुर्ग है या गंभीर है तो वेंटिलेटर आवश्यक है.कोट्टायम में 94 साल के व्यक्ति और उसकी 88 साल की पत्नी एक सप्ताह से अधिक समय से वेंटिलेटर पर थे. कुछ निजी अस्पताल वेंटिलेटर के लिए प्रतिदिन 25,000 से 50,000 रुपये के बीच पैसे लेते हैं. कमरे का किराया अस्पतालों के आधार पर निर्भर करता है. सबसे सस्ता अस्‍पताल प्रतिदिन 1,000 रुपये से 1,500 रुपये के बीच पैसे वूसलता है.

PPE और दवा 1000 रुपये तक
कोविड -19 अस्पताल के एक नर्सिंग अधीक्षक के अनुसार, ‘100 बेड वाले कोविड-19 अस्पताल में कम से कम 200 PPE किट की आवश्यकता होती है. डॉक्टरों और नर्सों को हर चार घंटे में अपनी किट बदलनी होती है. अगर मरीज वायरस के भारी भार के साथ गंभीर रूप से बीमार है, तो नर्सिंग स्टाफ के पीपीई किट को अक्सर बदलना पड़ता है.’ एक स्‍टैंडर्ड पीपीई किट की कीमत 750 से 1,000 रुपये के बीच होती है. दवाओं की कीमत एक मरीजों के हिसाब से अलग-अलग होती है. एंटीबायोटिक्स, एंटी-विट्रियॉल और अन्य दवाओं की कीमत एक मरीज के लिए 500 से 1,000 रुपये के बीच होती है.

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