कोरोना के आंकड़े में 1 दिन की सबसे बड़ी उछाल, सरकार ने कहा- कुछ राज्य नहीं दे रहे थे डेटा
कोविड-19 (COVID-19) की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने कहा कि देश में अब कोरोना वायरस (CoronaVirus) के कुल मामलों की संख्या 46,433 और मृतकों की संख्या 1,568 तक पहुंच गई है.
नई दिल्ली. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस (CoronaVirus) से 195 लोगों की मौत हुई है और 3,900 नए मामले सामने आए हैं. यह एक दिन में सामने आए अब तक के सर्वाधिक मामले हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने मंगलवार को इन आंकड़ों की जानकारी देते हुए यह भी कहा कि ‘कुछ राज्य’ मामलों की समयबद्ध जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिसका अब समाधान किया जा रहा है.
इस कारण आंकड़ों में आया उछाल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्यों से कोरोना के संक्रमित मरीजों और मौत के आंकड़े समय पर नहीं आ रहे थे. हमने आंकड़ों के लिए उन्हें मना लिया है. आज जब उनके आंकड़े आने शुरू हुए तो एवरेज रेट में एकदम से उछाल आया. संक्रमित और मौत, दोनों आंकड़ें एकदम से बढ़ गए.
देश में कोरोना के 46433 केस
देश में कोविड-19 की स्थिति पर दैनिक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में अब कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 46,433 और मृतकों की संख्या 1,568 तक पहुंच गई है. अग्रवाल ने कहा, ‘हम एक संक्रामक रोग से जूझ रहे हैं. इसलिए मामलों की समयबद्ध जानकारी और उनका प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा कुछ राज्यों में इन क्षेत्रों में अंतर देखा गया.’
मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1,020 रोगी ठीक हुए हैं जिससे ठीक होने वालों की संख्या अब 12,726 हो गई है तथा ठीक होने की दर 27.41 प्रतिशत है, अग्रवाल ने कहा, ‘अब कोविड-19 के मामलों के प्रबंधन में हम बहुत सहज हैं, लेकिन फील्ड स्तर पर किसी भी ढिलाई के परिणाम सही नहीं होंगे.’
यह रेखांकित करते हुए कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों के प्रत्येक संपर्क का पता लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, अग्रवाल ने कहा कि निषेध क्षेत्र स्थित केंद्रों में या अन्यत्र, अत्यंत गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराते हैं और आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित करते हैं.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के परिणाम बहुत सकारात्मक रहे हैं. लॉकडाउन से पहले मामले जहां 3.4 दिन में दोगुने हो रहे थे, वहीं अब यह 12 दिन में हो रहा है. प्रयासों की गति बनाए रखने में यह महत्वपूर्ण है.