बढ़ने वाला है भारत में तापमान, क्या कोरोना से मुक्ति दिला देगा गर्मी का मौसम

माना जा रहा था कि गर्मी का मौसम आने से कोरोना वायरस (Corona virus) से निजात मिल सकती है. ऐसा दावे के साथ नहीं कहा जा सकता. शोध भी कह चुके हैं यह मौसम थोड़ी राहत शायद दे दे लेकिन पूरी तरह से मुक्ति नहीं देगा.

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona virus) ने पिछले तीन महीनों से दुनिया में कोहराम मचा रखा है. चीन के वुहान से फैलना शुरू हुए इस वायरस ने अब तक करीब 13 लाख लोग संक्रमित किए हैं और 70 हजार की जानें ली हैं. शुरू से ही इसके बारे में कहा जा रहा था कि यह वायरस वातावरण का तापमान बढ़ने पर खुद खत्म हो जाएगा. इस दावे में कितनी सच्चाई है, क्या वाकई गर्मी के मौसम (Summer Season) में कोरोना का संकट खत्म हो जाएगा.

ऐसे बनी यह धारणा
शुरू में जब कोरोना वायरस के फैलने के बारे जानकारियां आईं थी, तब यह कहा गया था कि यह बढ़े हुए तापमान में आसानी से नहीं फैल पाता बल्कि कम तापमान और ठंडी चीजों में इसके पनपने की संभावना  ज्यादा होती है. लोगों को फ्रिज से दूर रहने और गर्म पानी पीते रहने की सलाह भी खूब दी गई. ऐसे में कई लोग यह मानने लगे कि गर्मी आने के बाद इस वायरस का फैलना बंद हो जाएगा.

क्या आधार है इस उम्मीद का

दरअसल इस धारणा के पीछे कोरोना वायरस के लक्षण ही जिम्मेदार हैं. कोरोना वायरस जिसके वर्तमान संस्करण को सार्स कोव-2 कहा जाता है, की वजह से कोविड-19 नाम की बीमारी फैल रही है. इसके लक्षण फ्लू बीमारी के जैसे हैं जो सर्दियों में जोर पकड़ती है और गर्मियों में कमजोर हो जाती है. इसके अलावा कई शोध भी यह मानते हैं कि गर्मियों में कोरोना वायरस कमजोर पड़ जाएगा. शोध में पाया गया है यह वायरस ठंडे इलाकों में आसानी और तेजी से फैला है जबकि गर्म और आर्द्र क्षेत्रों में नहीं.

 

फिर मौसम ने भी दिया धोखा
आमतौर पर भारत जैसे देश में मार्च के महीने से ही गर्मी का अहसास होना शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार मौसम ने भी गर्मी लाने में खासी देर कर दी. अप्रैल महीने के पहले सप्ताह की रातें अपने निम्न तापमान के रिकॉर्ड तोड़ रही हैं. मार्च के महीने में भी खूब बेमौसम बारिश और ठंडक रही जिससे गर्मी के मौसम के आने में खासी देरी हुई. ऐसे में लोगों को अब भी उम्मीद है कि गर्मी बढ़ने से कोरोना की ‘गर्मी’ भी निकल जाएगी.

क्या कह रहा है शोध
पिछले महीने लाइव साइंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक  कोरोना वायरस प्रभावित90 प्रतिशत इलाकों में तापमान 3 से 17 डिग्री सेल्सियस था और वहां हवा में नमी (आर्द्रता) 4-9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर, यानि काफी कम थी. लेकिन आज की तारीख में आंकड़े यही कहानी कहेंगे इसमें संदेह है. इसका आधार यह है कि कोरोना वायरस ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका, और दक्षिण अमेरिका में भी फैल रहा है जहां सर्दी का मौसम आने वाला है.

लेकिन यह तो किसी शोध में नहीं कहा गया
कुछ अन्य शोधों में भी इसी तरह की बात की गई है कि कोरोना वायरस के फैलने के लिए कम तापमान और कम आर्द्रता वाले इलाके बेहतर हैं. लेकिन हर शोध में इस बात से पूरी तरह से इनकार किया गया है कि यह वायरस गर्मी में पूरी तरह से बेअसर हो जाएगा. शोधों में तो यह भी अनुमान लगाया गया है कि गर्मी आने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय बंद नहीं होंगे.

तो फिर क्या गर्मी में राहत नहीं मिलेगी

दरअसल कोरोना के कहर से राहत का संबंध इसके इलाज के पता लगने से ज्यादा है बजाए मौसम के. अगर कोरोना का इलाज जल्दी मिल जाता है तो शायद हमें उस तरह से डर कर रहने की जरूरत न हो. लोगों का इलाज होने से इसके व्यापक रूप से फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा. लेकिन फिलहाल ऐसी कोई उम्मीद नहीं बनी है.

फिलहाल तो यही है कोशिश
अभी दुनिया भर के देश लॉक डाउन जैसे उपाय कर इस संकट को टालने की कोशिश तो कर ही है रहे हैं साथ है इससे हमारे शोधकर्ताओं को भी इसका इलाज ढूंढने में समय मिल रहा है. वहीं सरकारों की कोशिश भी इसी में है कि हालात बेकाबू न हों. सोचिए अगर इटली स्पेन जैसे हालात किसी विकासशील देश में हो जाएं तो वहां कितना बुरा हाल होगा.

 क्या बहुत ज्यादा गंभीर है चिंता
कोविड-19 भले ही इस समय लाइलाज न हो, लेकिन ऐसा नहीं है कि संक्रमण होने पर यह जान लेकर ही छोड़ती है. मरने वालों से करीब चार गुना लोग ठीक होकर वापस आ रहे हैं और ये तो उपलब्ध संक्रमित आंकड़े हैं. जो लोग जानकारी में नहीं आ सके हैं वे भी बहुत ही ज्यादा है. हजारों लोग तो ऐसे भी हैं कि जिन्हें संक्रमित हाने के बाद भी कोई लक्षण नजर नहीं आए.

फिलहाल गर्मी कितनी राहत देगी यह दावा करना भले ही ठीक न हो, लेकिन सावधानी तो हमें अभी जारी ही रखनी होगी. इतना तय है कि हालात जल्द ही बेहतर होने की पूरी उम्मीद की जा सकती है.

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