तमिलनाडु में गर्भनिरोधक गोलियों पर अघोषित बैन! पैदा हो सकते हैं लाखों अवांछित बच्चे
असुरक्षित यौन संबंधों (Unprotected Sex) के बाद ऐसी इमरजेंसी दवाओं को अवांछित गर्भ (Unwanted Pregnancy) रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन भारतीय समाज में ऐसी दवाओं को मान्यता नहीं मिली है और तमिलनाडु भी कोई अपवाद नहीं है.
चेन्नई. तमिलनाडु (Tamilnadu) में मेडिकल स्टोर्स (Medical Stores) से इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां (Emergency Contraceptive Pills) बिल्कुल गायब हैं. असुरक्षित यौन संबंधों (Unprotected Sex) के बाद ऐसी इमरजेंसी दवाओं को अवांछित गर्भ रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन भारतीय समाज में ऐसी दवाओं को मान्यता नहीं मिली है और तमिलनाडु भी कोई अपवाद नहीं है. राज्य में इन दवाओं पर अघोषित प्रतिबंध लगाकर महिलाओं के सेफ सेक्स का रास्ता बिल्कुल बंद कर दिया गया है.
GOT SOME STASH THANKS TO @vjayakumar! #Chennai people: If you need an #ECP, reach out. We’ve got you covered for when the state won’t. #iPill #SRHR #MyBodyMyChoice pic.twitter.com/ddfQwnGdGg
— Archanaa Seker (@Archytypes) July 6, 2020
साल 2010 में भारत में इमरजेंसी गर्भनिरोधक दवाओं की एंट्री के समय से ही तमिलनाडु में इसके स्वीकार्यता कम रही है. हालांकि बाद में ये मेडिकल स्टोर्स पर आसानी के साथ मिल जाया करती थी. लेकिन 2016 तक ये दवाओं मेडिकल स्टोर्स के एकबार फिर गायब हो गईं. गौरतलब है कि चेन्नई को भारत के मेडिकल हब के तौर पर देखा जाता है. लेकिन यहां पर गर्भनिरोधक दवाओं की गैरमौजूदगी है. अगर आपको ये दवाएं खरीदनी हैं तो दूसरे राज्य जैसे पॉन्डिचेरी और कर्नाटक जाना पड़ेगा. ये दवाएं मांगने पर अक्सर दुकानदार जवाब देते हैं-हम ये दवाएं नहीं रखते.
राजधानी चेन्नई में ये दवाएं प्राप्त करने का सिर्फ एक तरीक है और वो है दूसरे से मांगना. यानी अगर किसी को इसकी जरूरत है तो वो अपने किसी जानने वाले से पूछे फिर वो किसी और से. और फिर आखिरकार किसी के पास दवा मिलेगी. जिसके पास भी ये दवाएं मिलेंगी उसने जरूर दूसे राज्य से खरीदी होगी.
चेन्नई की एक्टिविस्ट अर्चना सेकर ने इन दवाओं की उपलब्धता को लेकर प्रयास शुरू किए हैं. उन्होंने अपनी सोशल मीडिया वॉल पर भी जानकारी दी है जिसे इसकी जरूरत हो वो उनसे ये दवाएं ले सकता है. न्यूज18 से बातचीत में उन्होंने कहा है-मूझे ये दवाएं मेरे बेंगलुरु के एक जानने वाले ने दी थी. मुझे अंदाजा हुआ कि महामारी की दौर में लोगों तक ऐसी दवाएं न पहुंचने से कितनी बड़ी समस्या पैदा हो सकती है. हालांकि तमिलनाडु में गर्भनिरोधक दवाओं पर कानूनन कोई बैन नहीं है लेकिन सामाजिक स्वीकार्यता न होने की वजह से ये स्टोर्स से गायब रहती हैं.