मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के काम की बृहस्पतिवार को प्रशंसा की और कहा कि कोई भी व्यक्ति अभिनेता का चेहरा देखकर बता सकता था कि वह अच्छे मनुष्य थे. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने राजपूत की बहनों प्रियंका सिंह और मीतू सिंह की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह टिप्पणी की.
एफआईआर खारिज करवाने के लिए याचिका
इस याचिका में सुशांत के चिकित्सकीय पर्चे के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े करने के मामले में प्रियंका और मीतू के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज किए जाने का अनुरोध किया गया है.
मासूम और सीधे दिखते थे सुशांत
न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ‘मामला कुछ भी हो…. सुशांत सिंह राजपूत का चेहरा देखकर कोई भी यह कह सकता था कि वह मासूम और सीधे… और अच्छे मनुष्य थे.’ उन्होंने कहा,‘उन्हें खासकर एम एस धोनी फिल्म में सभी ने पसंद किया.’
रिया की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
बांद्रा पुलिस ने सुशांत की बहनों प्रियंका सिंह एवं मीतू सिंह और दिल्ली के डॉक्टर तरुण कुमार के खिलाफ सात सितंबर को मामला दर्ज किया था. यह प्राथमिकी राजपूत की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. रिया ने अपनी शिकायत में दावा किया कि इन लोगों ने साजिश रची और एक सरकारी अस्पताल के पर्चे पर प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का झूठा परामर्श लिया और उसकी खुराक एवं मात्रा संबंधी सलाह लिए बिना अभिनेता को दवा दी.
14 जून को सुशांत अपने फ्लैट में मृत मिले थे