लोन मोरटोरियम मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कहा- RBI के पीछ मत छिपिए
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से कहा कि उसके पास ब्याज से लोन मॉरटोरीअम ( Loan Moratorium) में छूट के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए पर्याप्त अधिकार हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कदम उठाए .
जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा, ‘यह केवल व्यावसायिक हितों का ध्यान रखने का समय नहीं है, बल्कि आपको लोगों की दुर्दशा पर भी विचार करना चाहिए.’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपको स्टैंड लेना चाहिए
इस पर SG ने कहा कि ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सभी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रही सरकार इस टिप्पणी के बाद कुछ सुधार कर सकती है.’ जिस पर पीठ ने जवाब दिया, ‘फिर आपको स्टैंड लेना चाहिए..यहां दो मुद्दे हैं. क्या कोई ब्याज लगाया जाना चाहिए और क्या ब्याज पर कोई ब्याज लगाया जाना चाहिए.?’
बेंच ने दोहराया कि सरकार अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कोई जवाब दाखिल नहीं कर रही है, बल्कि केवल आरबीआई के जवाब का हवाला दे रही है. पीठ ने तब केंद्र को अपना हलफनामा दायर करने और मामले में स्पष्ट रुख अपनाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था. बता दें यह मामला उस याचिका से संबंधित है जिसमें आरबीआई अनिवार्य लोन मोरटोरियम के दौरान छूट की मांग की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि लोन मोरटोरियम एक निरर्थक कोशिश हैं क्योंकि बैंक ब्याज पर ब्याज लगा रहे हैं और इससे आम आदमी को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.