केंद्र को 250 रुपए प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन दे सकती है सीरम इंस्टीट्यूट: रिपोर्ट्स

Vaccine Update: सीरम इंस्टीट्यू के सीईओ अदार पूनावाला ने यह साफ कर दिया है कि सीरम सबसे पहले भारतीयों को वैक्सीन मुहैया कराने पर ध्यान लगा रही है. कंपनी इसके बाद दूसरे देशों तक वैक्सीन पहुंचाएगी.

0 1,000,230

नई दिल्ली. कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) को लेकर संशय खत्म होता नजर आ रहा है. खबरें आ रही हैं कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) केंद्र सरकार को 250 रुपए प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन मुहैया करा सकती है. यह जानकारी अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट से मिली है. खास बात है कि इससे पहले कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा था कि इस वैक्सीन की कीमत एक हजार रुपए प्रति डोज होगी. कंपनी ने देश में वैक्सीन के आपातकाल इस्तेमाल के लिए आवेदन कर चुकी है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक 250 रुपए प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन केंद्र सरकार तक पहुंचा सकती है. सरकार को भी कंपनी से बड़ी मात्रा में वैक्सीन मिलने की काफी उम्मीदें हैं. सीरम इंस्टीट्यूट में एस्ट्राजैनेका (Astrazeneca) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) की वैक्सीन तैयार हो रही है. पहले वैक्सीन की कीमत 1000 रुपए प्रति डोज बता चुके सीईओ पूनावाला ने कहा था कि सरकार बड़ी संख्या में डील साइन करती है, तो कीमतें कम हो जाएंगी.

सबसे पहले भारतीयों को मिलगी वैक्सीन
पूनावाला ने यह साफ कर दिया है कि सीरम सबसे पहले भारतीयों को वैक्सीन मुहैया कराने पर ध्यान लगा रही है. कंपनी इसके बाद दूसरे देशों तक वैक्सीन पहुंचाएगी. हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, सीरम इंस्टीट्यूट और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से समाचार एजेंसी रॉयटर्स को कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिली है. सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार हो रही ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ औसत 70 फीसदी तक असरदार रही है. वहीं, यह 90 प्रतिशत तक कारगर हो सकती है. एस्ट्राजैनेका ने बताया कि यह आंकड़े बीते महीने ब्रिटेन और ब्राजील में हुए क्लीनिकल ट्रायल्स के आंतरिक विश्लेषण से सामने आए हैं.

विवादों में आ गई थी सीरम इंस्टीट्यूट
ट्रायल्स के दौरान चेन्नई के एक शख्स ने वैक्सीन के गंभीर दुष्प्रभाव के आरोप लगाए थे. इसके बाद कंपनी खासी विवादों में आ गई थी. हालांकि, सरकार ने बीते हफ्ते यह साफ किया है कि उन्हें भारत में वैक्सीन ट्रायल्स रोकने का कोई भी कारण नहीं मिला है. कंपनी ने बताया कि यह वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है. एथिक्स कमेटी और डेटा और सेफ्टी मॉनीटरिंग बोर्ड ने इस स्वतंत्र रूप से साफ बताया है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.