राज्यसभा सांसद अमर सिंह का सिंगापुर में निधन

पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का निधन हो गया है. वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका दुबई कए एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था. शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया.

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पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का निधन हो गया है. वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था. शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया.

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे अमर सिंह का मार्च महीने में एख वीडियो खूब चर्चा में रहा था. जिसमें उन्होंने अपनी मौत की अफवाहों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया था कि वो ठीक हैं और बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्होंने अपने पहले के अनुभवों को साझा करते हुए कहा था कि उनकी तबीयत पहले भी बिगड़ी थी लेकिन हर बार वो मौत के मुंह से लड़कर वापस आ गए.

वीडियो में अमर सिंह कहते हैं, ‘सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं. रुग्ण (बीमार) हूं, त्रस्त हूं व्याधि (दिक्कतों) से लेकिन संत्रस्त (डरा) नहीं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है, होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने ये अफवाह बहुत तेजी से फैलाई है कि यमराज ने मुझे अपने पास बुला लिया है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. मेरा इलाज चल रहा है और मां भगवती की कृपा हुई तो अपनी शल्य चिकित्सा के उपरांत शीघ्र-अतिशीघ्र दोगुनी ताकत से वापस आऊंगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘आप लोगों के बीच सदैव की भांति…जैसा भी हूं, जो भी हूं आपका हूं. बुरा हूं तो अच्छा हूं तो…अपनी चिरपरिचित शैली, प्रथा और परंपरा के अनुकूल जैसे अबतक जीवन जिया है, वैसे ही आगे भी जिऊंगा.’

पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह ने कहा, ‘बाकी हमारे मित्र जो हमारी मृत्यु की कामना कर रहे हैं, वह यह कामना छोड़ दें. हरदम मृत्यु हमारे द्वार को खटखटाती है. एकबार हवाई जहाज से गिर गया था तो भी यमराज ने स्वीकार नहीं किया, झांसी में. दस साल पहले भी गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ फिर भी लौटकर आ गया. 12-13 दिन तक मिडिल ईस्ट में वेंटिलेटर में रहकर मौत से लड़कर आ गया. उन तमाम अवसर के मुकाबले अबकी बार तो बिल्कुल स्वस्थ हूं, बिल्कुल सचेतन हूं.’

कभी मुलायम सिंह के खामसखास थे
एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया. हालांकि एक समय ऐसा था जब अमर सिंह को पार्टी के लिए उपयुक्त माना जाता था. नेटवर्किंग से लेकर तमाम अहम जिम्मेदारियों का दारोमदार उनके कंधों पर था. 90 के दशक के आखिर में अमर सिंह को उत्तर प्रदेश में शुगर लॉबी का असरदार आदमी माना जाता था. इसी सिलसिले में उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम से करीबी बढ़ी. वर्ष 1996 के आसपास वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. फिर जल्दी ही पार्टी के महासचिव बना दिये गए. वो ताकतवर होते गए. कहा जाने लगा था कि मुलायम कोई भी काम बगैर उनके पूछे नहीं करते.

Message for Amit Ji

Today is my father’s death anniversary & I got a message for the same from Amitabh Bachchan ji. Sometimes you are aggressively reactive to a person whom you have given all your life. Similar turbulence of emotion did take place in our mutual releationship. At this stage of life when I am fighting a battle of life & death I regret for my over reaction against Amit ji & family. God bless them all.

Amar Singh यांनी वर पोस्ट केले सोमवार, १७ फेब्रुवारी, २०२०

बॉलीवुड से अपनी खास नजदीकियों के लिए मशहूर समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह नहीं रहे। अमर सिंह एक वक्त में अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के बेहद करीबी थे। हालांकि, बाद में उनके बीच मनमुटाव हो गया था। इसी को दूर करने के लिए 64 साल के अमर सिंह ने 5 महीने पहले को अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के खिलाफ कही गई बातों के लिए अफसोस जाहिर किया था।

अमर सिंह ने ट्विटर पर लिखा था, ‘आज मेरे पिताजी की पुण्यतिथि है और मुझे इसी वजह से अमिताभ बच्चन जी ने मैसेज भेजा। जिंदगी के ऐसे मोड़ पर जब मैं जीवन और मौत के संघर्ष में जूझ रहा हूं, मैं अमितजी और उनके परिवार के प्रति बेवजह की बयानबाजी के लिए खेद प्रकट करता हूं। भगवान उन सबकी रक्षा करे।’

अमर सिंह ने 10 साल पुरानी बातें याद की थीं

 

अमर सिंह ने ट्वीट के अलावा फेसबुक पर वीडियो भी पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने कहा- “पिछले 10 वर्षों से मैं न सिर्फ बच्चन परिवार से दूर रहा, बल्कि यह भी प्रयत्न किया कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। लेकिन, आज अमिताभ बच्चनजी ने फिर मेरे पिताजी का स्मरण किया तो मुझे ऐसा लगा कि इसी सिंगापुर में 10 साल पहले गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमितजी लगभग 2 महीने तक साथ रहे थे और इसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया।

10 साल बीत जाने पर भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई और वे लगातार अनेक अवसरों पर, चाहे मेरा जन्मदिन हो या पिताजी के स्वर्गवास का दिन हो.. वे हर दिन का स्मरण कर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे हैं। मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई। 60 से ऊपर जीवन की संध्या होती है। एक बार फिर मैं जिंदगी और मौत की चुनौती के बीच से गुजर रहा हूं। वे मुझसे उम्र में बड़े हैं इसलिए उनके प्रति मुझे नर्मी रखनी चाहिए थी और जो कटुवचन मैंने बोला है, उसके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए।

मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही, लेकिन उनके मन में न तो कटुता है और न ही निराशा। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि सबको ईश्वर उनके कर्मों के अनुसार यथोचित न्याय दे। हमें सब ईश्वर पर छोड़ना चाहिए बजाय इसके कि हम उसके काम में खुद दखल दें। अमितजी बहुत-बहुत धन्यवाद। “

जया के साथ अमर की कहासुनी के बाद आईं थीं दूरियां

अमर सिंह के मुताबिक, 2012 में अनिल अंबानी की पार्टी में हुई जया बच्चन के साथ हुई कहा-सुनी के बाद से दोनों परिवारों में दूरियां आ गईं थीं। अमर ने कहा था, “अमिताभ ने उस झगड़े में अपनी पत्नी का साथ दिया था। तभी से हमारे बीच दूरियां बढ़ गईं थीं।”

बच्चन परिवार पर लगाए थे कई आरोप

कभी बच्चन परिवार के काफी करीबी रहे अमर सिंह 2012 से इस परिवार से काफी दूर हो गए थे। एक म्यूजिक एल्बम की लॉन्चिंग पर अमर सिंह ने कहा था, “अमिताभ बच्चन एक ऐसे एक्टर हैं जो कई आपराधिक मामलों में लिप्त हैं। पनामा पेपर्स विवाद में भी उनका नाम आ चुका है।”

एक अन्य कार्यक्रम के दौरान अमर सिंह ने कहा था, “ऐश्वर्या मेरी बहुत इज्जत करती है। अभिषेक ने भी आज तक मेरे खिलाफ कुछ नहीं कहा। मुझे अमिताभ बच्चन से भी कोई गिला नहीं है। उन्होंने खुद मुझे चेतावनी दी थी कि मैं जया बच्चन को पॉलिटिकल फील्ड में न उतारूं। मैंने ही उनकी भली सलाह नहीं मानी।”

 

 

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