वायरल ऑडियो मामला:केंद्रीय मंत्री शेखावत को एसओजी ने भेजा नोटिस, प्रदेश सरकार ने जांच करने गई टीम की मदद के लिए हरियाणा सरकार को लिखा पत्र

एसओजी की तरफ से भेजे गए नोटिस को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की तरफ से उनके सेक्रेटरी ने रिसीव किया है कांग्रेस ने खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो मामले में भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह और संजय जैन के खिलाफ एसओजी में एफआईआर दर्ज कराई थी

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राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े वायरल ऑडियो में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस दिया गया है। शेखावत की तरफ से उनके सेक्रेटरी ने ये नोटिस रिसीव किया है। वहीं, इस बीच राजस्थान सरकार द्वारा हरियाणा सरकार को एक पत्र भी लिखा गया है। इसमें राजस्थान की एटीएस, एसओजी टीम का सहयोग करने के लिए हरियाणा पुलिस को निर्देश देने के लिए कहा गया है।

इससे पहले वायरल ऑडियो पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि ऑडियो फेक है। मैं मारवाड़ी बोलता हूं जबकि इसमें झुंझुनूं टच है। जिस गजेंद्र का जिक्र है उसके पद या जगह तक का जिक्र नहीं है। ऑडियो जोड़-तोड़ कर भी तैयार हो सकता है।

गौरतलब है कि ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह और संजय जैन के खिलाफ एसओजी में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले की जांच के लिए पहले ही एसआईटी का गठन कर दिया गया है। जिसमें सीआईडी क्राइम ब्रांच और एटीएस-एसओजी एक साथ मिलकर काम कर रही है।

एसओजी अब तक खाली हाथ

पायलट सहित 19 विधायकाें की तलाश में रविवार काे एसओजी की टीम दिल्ली पहुंची और कई हाेटल खंगाले, लेकिन कुछ नहीं मिला। बाद में सूचना मिली कि पायलट खेमा हरियाणा के मानेसर में है ताे अफसर आनन-फानन में मानेसर पहुंचे, लेकिन देर रात तक वहां भी कुछ हाथ नहीं लगा।

राजस्थान मामले पर सुनवाई जारी, सिंघवी बोले- बागियों की अर्जी खारिज हो

एक तरफ जहां देश का बड़ा हिस्सा बाढ़ और कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ रहा है, दूसरी ओर राजस्थान में अभी भी सत्ता का संघर्ष जारी है. कांग्रेस में ही बागी रुख अपनाने वाले राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट की याचिका पर आज एक बार फिर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. दूसरी ओर अशोक गहलोत लगातार अपने गुट को मजबूत करने में लगे हैं और जिसमें वह लगातार सफलता भी पा रहे हैं.

बड़े अपडेट्स:

11.25 AM: अदालत में स्पीकर की ओर से पेश होते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि ये याचिका सिर्फ एक नोटिस के आधार पर डाल दी घई है, जबतक स्पीकर किसी विधायक को अयोग्य घोषित ना कर दें. तबतक अदालत दखल नहीं दे सकता है.गियों की अर्जी खारिज हो.

10.40 AM: स्पीकर की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर के आदेश को लिमिटेड ग्राउंड पर चुनौती दी जा सकती है, लेकिन जो याचिका दायर की गई है उसमें वो ग्राउंड शामिल ही नहीं हैं. ऐसे में अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से कहा गया है कि सचिन पायलट गुट की याचिका तुरंत खारिज कर दी जाए.

10.34 AM: हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने किहोतो फैसले का जिक्र किया, जिसमें 10th शेड्यूल की बात की गई.

10.08 AM: राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. केस से अलग वकीलों को अदालत से बाहर रहने को कहा गया है. शुरुआत में अभिषेक मनु सिंघवी अपनी दलील रख रहे हैं.

09.30 AM: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि आज आने वाले कोर्ट के फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करेगा. अगर कोर्ट पायलट गुट को अमान्य कर देती है या मान्य कर देती है, तो अशोक गहलोत को सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहिए क्योंकि उसके बाद ही वह कामकाज कर सकते हैं.

08.10 AM: एक तरफ आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, तो दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ वक्त बिता रहे हैं. सोमवार सुबह भी अशोक गहलोत विधायकों के साथ होटल में दिखाई दिए.

ag_072020081318.jpgविधायकों के साथ अशोक गहलोत.

हाईकोर्ट में फिर सुनवाई

स्पीकर के द्वारा दिए गए नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट गुट ने हाईकोर्ट का रास्ता अपनाया, शुक्रवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी जो देर शाम तक चली. लेकिन अब सोमवार को राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी अपनी दलील रखेंगे. हाईकोर्ट ने सुनवाई होने तक विधायकों पर किसी एक्शन होने से रोक लगा दी थी.

पायलट को मनाने की कोशिशें जारी

एक तरफ कांग्रेस के दो गुटों में ही कानूनी लड़ाई चल रही है, तो दूसरी ओर सचिन पायलट को वापस लाने की कोशिशें भी जारी हैं. रविवार को फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सचिन पायलट को वापस आकर, घर में चर्चा करने की बात कही.

दूसरी ओर अशोक गहलोत अपना किला मजबूत करने में लगे हुए हैं और उन्हें अब बीटीपी के विधायकों का साथ मिला है, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात भी की. खबर है कि विधानसभा का सत्र भी जल्द शुरू हो सकता है, लेकिन अभी बीजेपी ये तय नहीं कर पाई है कि वो अविश्वास प्रस्ताव लाएगी या नहीं.

जांच को लेकर भी जंग जारी है

इस राजनीतिक उठापटक के बीच कथित ऑडियो टेप मामले में राजस्थान की SOG की टीम अपनी जांच शुरू कर चुकी है. इस मामले में वो ऑडियो सैंपल लेने मानेसर के होटल में भी पहुंचे, जहां पायलट गुट के विधायक हैं. हालांकि, टीम को कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

दूसरी ओर बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया है तो अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक रिपोर्ट तलब की गई है, जिसमें फोन टैपिंग को लेकर सवाल हैं. बीजेपी ने फोन टैपिंग को कांग्रेस की अंदरूनी साजिश बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है.

गहलोत ने तैयार किया सरकार बचाने का पूरा प्लान, हाईकोर्ट से अगर लगा झटका तो अपनाएंगे ये राह

नई दिल्ली. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और बगावत पर उतारू सचिन पायलट (Sachin Pilot) में चल रहे सियासी घमासान (Rajasthan Crisis) के बीच आज बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय  अपना फैसला सुना सकता है. हाईकोर्ट के फैसले पर गहलोत और पायलट खेमे के साथ ही बीजेपी की भी नजर है. बता दें कि सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों को पार्टी व्हिप के उल्लंघन के मामले में विधानसभा स्पीकर की ओर से नोटिस जारी किया गया है. ऐसे में अब दोनों ही गुट अपनी अपनी खेमेबाजी में लग गए हैं. कांग्रेस ने लीगल टीम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर फैसला पायलट खेमे के पक्ष में आता है तो भी उन्होंने प्लान बी तैयार कर रखा है. कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त है कि सरकार को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने वाला है.

कांग्रेस की ओर से साफ किया गया है कि अगर हाईकोर्ट का फैसला पायलट खेमे के पक्ष में आता है तो अगले कदम के रूप में पार्टी जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाने पर जोर देगी. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा. गहलोत ने पहले ही राज्यपाल कलराज मिश्र को 103 विधायकों के समर्थन की सूची सौंप दी है. गहलोत सरकार के बहुमत साबित करने की स्थिति में मुख्य व्हिप महेश जोशी कांग्रेस के सभी विधायकों को पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए व्हिप जारी करेंगे.

ऐसे में अगर पायलट खेमा व्हिप का उल्लंघन करता है या फिर किसी भी कारण से अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराता है तो इसे व्हिप के विपरीत माना जाएगा और दसवीं अनुसूची की धारा 2(1)(बी) के तहत ऐसे विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. हालांकि बाद में इस मामले में को भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है.

पायलट खेमे को भेजा गया नोटिस
बता दें कि पायलट खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ अभी संविधान की 10वीं अनुसूची की धारा 2(1)(ए) (जिसे दलबदल विरोधी कानून कहा जाता है) के तहत अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया चल रही है. ​फिलहाल अभी तक किसी को इस बात की खबर नहीं है कि पायलट खेमे में 18 विधायक कहां पर हैं. ऐसे में पार्टी की तरफ से उन्हें व्हाट्सएप और फोन के जरिए संदेश भेजा जा चुका है. इसके साथ ही उनके घर के बाहर भी नोटिस चस्पा की गई है.

बुधवार को शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं गहलोत
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी से राज्यपाल कलराज मिश्र को अवगत करवा चुके हैं और साथ उन्होंने बुधवार को विधानसभा सत्र बलाने की भी मंशा जाहिर की है. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार से शॉर्ट टर्म पर सत्र बुलाया जा सकता है, जहां अशोक गहलोत सदन में अपना बहुमत सिद्ध कर सकते हैं. सीएम अशोक गहलोत ने जिन 103 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, उनमें कांग्रेस के 88, बीटीपी के 02, सीपीएम 02, आरएलडी के 01 और 1 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.

 

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