जजों की नियुक्ति: अटॉर्नी जनरल की सुप्रीम कोर्ट को नसीहत- पहले अपना घर दुरुस्‍त करें

अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल (Attorney General KK Venugopal) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा कि पहले न्‍यायपालिका को दुरुस्‍त करना चाहिए. फिर सरकार पर सवाल उठाना चाहिए.

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नई दिल्‍ली. जजों की नियुक्ति के मामले पर सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की नसीहत दी. सरकार ने कहा कि न्‍यायपालिका को पहले अपने घर को दुरुस्‍त करना चाहिए. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘पहले हाईकोर्ट में सुधार की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट सरकार पर सवाल उठाती है कि उन्‍होंने एक नाम को लागू करने में 100 दिन का समय लगा दिया. लेकिन, जब हाईकोर्ट नियुक्तियों के नाम भेजने में 5 साल का समय लगाता है तो इसका क्‍या?

‘IB की रिपोर्ट में लगते हैं 127 दिन’

वेणुगोपाल से पहले न्‍यायमूर्ति संजय के कौल की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्‍यायिक नियुक्तियों की समयसीमा को एक चार्ट के माध्‍यम से दिखाने के लिए कहा था. एजी द्वारा एक चार्ट पेश किया गया. जिसके अनुसार, एक जज की नियुक्ति के लिए इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (IB) की एक रिपोर्ट मिलने में 127 दिन का समय लग रहा है.

पीठ ने आईबी की रिपोर्ट की समयसीमा पर चिंता व्‍यक्‍त की
जब पीठ ने आईबी की रिपोर्ट में ज्‍यादा समय लगने पर चिंता व्‍यक्‍त की तो वेणुगोपाल ने जवाब दिया कि अधिकारियों को इन रिपोर्ट को लेकर क्‍यों दोषी ठहराया जा रहा है. जबकि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को अपनी खुद की प्रक्रिया में 119 दिन का समय लगता है. जबकि सारी रिपोर्ट उपलब्‍ध रहती है.

जजों की नियुक्ति सरकार की भी जिम्‍मेदारी: जस्टिस जोसेफ

जब वेणुगोपाल ने हाईकोर्ट में रिक्तियों की स्थिति और वर्तमान में सरकार के सामने लंबित नामों संबंधित आंकड़ा न्‍यायाधीशों के सामने रखा तो जस्टिस जोसेफ ने कहा कि इस बार कॉलेजियम द्वारा नाम दोहराए जाने के बाद सरकार उन नियुक्तियों को प्रक्रिया में लाने के लिए बाध्‍य है.

वेणुगोपाल ने जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम सिस्‍टम पर सवाल उठाया. साथ ही कहा कि जजों की नियुक्ति सरकार की भी जिम्‍मेदारी है. पीठ ने वेणुगोपाल से पूछा, ‘अगर सरकार इसपर नया कानून लेकर आती है, तो इसमें बाधा क्‍या है?’ उन्‍होंने जवाब दिया,’अगर कोर्ट सुझाव देती है तो सरकार इसपर एक और संशोधन लाना चाहेगी.’

वेणुगोपाल ने इसपर कहा कि उच्च न्यायालयों में नियुक्तियों के लिए नामों की सिफारिश करने के लिए बॉम्बे, छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालयों को 60 महीने से अधिक का समय लगा है.

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