कृषि कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में AAP के विधायकों ने दिया धरना, सदन में ही बिताई रात

केंद्र के नए कृषि कानून के प्रभाव से निपटने के लिए पंजाब सरकार जहां तक संभव हो राज्य के कानूनों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. वहीं आप के विधायकों की मांग थी कि सरकार कृषि कानून के खिलाफ मंगलवार को पेश होने वाले प्रस्तावित बिल की प्रतियां उन्हें दे.

 

चंडीगढ़. केंद्र के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में बुलाए गए पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) के विशेष सत्र का पहला दिन काफी हंगामे दार रहा है. सदन में आज इन विवादित कानूनों के खिलाफ विधेयक पेश किया जाएगा. हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक इस बिल का मसौदा उनके साथ साझा नहीं किए जाने को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) सरकार के खिलाफ सोमवार से ही विधानसभा में धरने पर बैठे हैं. आप के ये विधायक पूरी रात विधानसभा परिसर में ही डटे रहे.

दरअसल केंद्र के नए कृषि कानून के प्रभाव से निपटने के लिए पंजाब सरकार जहां तक संभव हो राज्य के कानूनों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. वहीं आप के विधायकों की मांग थी कि सरकार कृषि कानून के खिलाफ मंगलवार को पेश होने वाले प्रस्तावित बिल की प्रतियां उन्हें दे.

आप (Aam Aadmi Party) के वरिष्ठ विधायक और सदन में नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी कृषि कानून के खिलाफ पेश कानून का समर्थन करेगी, लेकिन सरकार की ओर से हमें विधेयक की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. हमें अन्य विधेयकों की प्रतियां भी नहीं दी गई है. ऐसे में हमारे विधायक कैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे और उस पर बहस करेंगे?’

इससे पहले सोमवार को विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की. उनके हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
वहीं पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वे मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और सत्र के दौरान पटल पर रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों की प्रतियां विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शाम तक मुहैया करा दी जाएंगी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ और इस कारण आप के विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधानसभा के अधिकारियों ने आप नेताओं को प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.

बता दें कि चार साल पहले सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में रात बिताई थी.
 
https://twitter.com/capt_amarinder/status/1318064430517645312?s=19
इस बीच, राज्य विधानसभा में शिअद ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक सोमवार को ही पेश किया जाना चाहिए था. पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह से शाम को मुलाकात की और विधेयकों की प्रतियां नहीं मिलने पर आपत्ति जताई. शिअद नेताओं ने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया.
https://twitter.com/ANI/status/1318066413911748608?s=19

इससे पहले, विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शोक प्रस्ताव पेश करने के साथ शुरू हुआ और कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सदन की अगुवाई की.

कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद पहली बार विधानसभा के सत्र में हिस्सा लिया. वहीं शिअद विधायक कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टरों पर चढ़कर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने केंद्र सरकार के कानून की प्रतियों को फाड़ दिया. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने काली टोपियां पहन कर विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने कृषि कानूनों की प्रतियों को फाड़ा और जलाया.

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून (Farm Laws) पर चर्चा और उसके खिलाफ विधेयक पेश करने लिए पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly Session) का विशेष दो दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. इस दौरान सदन के अंदर तेज बहस हो रही है. वहीं विधानसभा के बाहर पंजाब की विपक्षी पार्टियां शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी इस सत्र का विरोध कर रही हैं. बता दें कि कृषि कानूनों का किसान जबरदस्‍त विरोध कर रहे हैं.

पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होने से पहले मुख्‍यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘आज से शुरू हो रहे महत्वपूर्ण विशेष सत्र के लिए मैं विधानसभा पहुंच गया हूं. हम केंद्र के किसान विरोधी कानूनों से पंजाब की खेती को बचाने और हितों की रक्षा के लिए चर्चा व बहस करने के लिए मिल रहे हैं.’

पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ता पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ता विधानसभा के बाहर यह विरोध जता रहे हैं. पार्टी के नेता विक्रम मजीठिया ने कहा कि पंजाब सरकार ने कृषि कानून के खिलाफ केंद्र सरकार को कोई प्रस्‍ताव नहीं भेजा. वो केंद्र से मिलकर फिक्‍स मैच खेल रही है.
वहीं चंडीगढ़ में विधानसभा के बाहर आम आदमी पार्टी के नेता भी एकत्र होकर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. आप विधायक हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि पंजाब सरकार इन काले कानूनों के पक्ष में है. आम आदमी पार्टी इसका पर्दाफाश करेगी कि कैसे वो केंद्र से मिली है.

 

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