किसानों के प्रदर्शन के बीच बोले PM मोदी, नई सुविधाओं के लिए, नई व्यवस्थाओं के लिए सुधार बहुत जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये बयान उस समय आया जब कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र की ओर से बनाए गए तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट (Agra Metro Rail Project) के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विकास के लिए सुधारों की आवश्यकता है और सदियों पुराने कानून अब बोझ बन गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये बयान उस समय आया जब कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र की ओर से बनाए गए तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किसी का जिक्र किए बगैर कहा, ”नई सुविधाओं और व्यवस्थाओं के लिए सुधार बहुत जरूरी हैं. हम पिछली शताब्दी के कानून लेकर अगली शताब्दी का निर्माण नहीं कर सकते. जो कानून पिछली शताब्दी में बहुत उपयोगी साबित हुए, वे अगली शताब्दी के लिए बोझ बन जाते हैं और इसलिए सुधार की लगातार प्रक्रिया होनी चाहिए.’’उन्होंने कहा, ‘‘लोग अक्सर सवाल पूछते हैं कि पहले की तुलना में अब हो रहे सुधार ज्यादा बेहतर तरीके से काम क्यों करते हैं. इसका कारण बहुत ही सीधा है. पहले सुधार टुकड़ों में होते थे. कुछ सेक्टरों और कुछ विभागों को ध्यान में रखकर होते थे, मगर अब एक संपूर्णता की सोच से सुधार किए जा रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर मजबूती से काम कर रही है और हर चुनाव के नतीजों में जनता का यह विश्वास झलक भी रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रेहड़ी, ठेले और फेरीवालों से लेकर गरीब और मध्यम वर्ग के कल्याण की योजनाएं जमीन पर उतारी गई हैं. यही तो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ है. उन्होंने कहा, ‘‘बीते कुछ समय से जो सुधार किए जा रहे हैं, उनसे देश में नया आत्मविश्वास आया है. अगर आप बारीकियों में जाएंगे तो आपको भी संतोष होगा. पहले की तुलना में आपके अंदर भी एक नया विश्वास बनेगा. बीते हर चुनाव में यह विश्वास दिख रहा है.’’प्रधानमंत्री ने कहा, ”यूपी सहित देश के हर कोने में चुनाव के नतीजों में यह विश्वास झलक रहा है. दो-तीन दिन पहले हैदराबाद में गरीब और मध्यम वर्ग ने सरकार के प्रयासों को अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया है. आपका साथ और आपका समर्थन, देशवासियों की छोटी से छोटी खुशी मुझे नए-नए काम करने की हिम्मत देती है.’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का ये बयान भारत बंद से एक दिन पहले आया है, जब देश भर के ज्यादातर किसान संगठनों ने सितंबर में केंद्र की ओर बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए प्रदर्शन अभियान चला रखा है. किसानों के भारत बंद के आह्वान को राजनीतिक पार्टियों और राज्य सरकारों का भी समर्थन मिला है. हालांकि केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए वे ठोस कदम उठाए और एहतियात बरतें.किसान संगठन केंद्र की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानून प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट 2020, द फॉर्मर्स (एंपावरमेंट और प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फॉर्म सर्विसेस एक्ट, 2020 के साथ एशेंसियल कमोडिटीज (संशोधन) एक्ट 2020 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. भारत बंद को समर्थन देने वाली पार्टियों में कांग्रेस, एनसीपी, द्रविड़ मुनेत्र कझगम, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और लेफ्ट फ्रंट की पार्टियां भी किसानों की मांग के समर्थन में हैं.
भारत बंद के आह्वान से दिल्ली में आम लोगों को मुश्किल हो सकती है. दिल्ली बॉर्डर पर किसान सभी रास्तों को पर बैठे हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आने वाले लोगों के लिए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवायजरी जारी की है, जिससे लोगों का आवागमन हो सके. ऐप आधारित टैक्सी सर्विसेस ने भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है.
दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और किसान बड़े कॉपोरेट्स के चंगुल में फंस जाएंगे.
प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. 9 दिसंबर को एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच बातचीत होगी.

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