आतंकवाद, कोरोना वैक्सीन, आत्मनिर्भर भारत समेत UNGA में पीएम मोदी ने उठाए ये मुद्दे, 10 खास बातें

PM Modi UNGA General Debate: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन ऑनलाइन ही किया जा रहा है. 75 वें UNGA सत्र का विषय "भविष्य जो हम चाहते हैं, संयुक्त राष्ट्र जिसकी हमें ज़रूरत है" रखा गया है.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के 75 वें सत्र में आम सभा को संबोधित कर रहे हैं. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन ऑनलाइन ही किया जा रहा है. 75 वें UNGA सत्र का विषय “भविष्य जो हम चाहते हैं, संयुक्त राष्ट्र जिसकी हमें ज़रूरत है” रखा गया है. यूएनजीए को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, सदी बदल जाए और हम न बदलें तो बदलवा लाने की ताकत कमजोर हो जाती है. आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था,उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है? आतंकवाद पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए. कितने ही आतंकी हमलों ने खून की नदियां बहती रहीं. आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से जुड़ी 10 खास बातें…

संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, वो लाखों मासूम बच्चे जिन्हें दुनिया पर छा जाना था, वो दुनिया छोड़कर चले गए. कई लोगों को सपनों का घर छोड़ना पड़ा. उस समय संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या पर्याप्त थे?
संयुक्त राष्ट्र के कार्यों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा, पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है. इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है
भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के सुधार को लेकर जो प्रोसेस चल रहा है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, भारत के लोग आज विषय को लेकर चिंता में है कि क्या ये प्रोसेस कभी चिंतित हैं कि क्या ये Process कभी तार्कसंगत अंत तक पहुंच पाएगा. आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के निर्णय लेने की संरचना से अलग रखा जाएगा.
हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं. संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है. महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की दवाइयों की फैक्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा, विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं. भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलिवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएग. विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे.
कोरोना महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक फोर्स मल्टीपीलर होगा. भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे. आज भारत डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है. आज भारत अपने करोड़ों नागरिकों को डिजिटल एक्सेस देकर अधिकारिता और पारदर्शितासुनिश्चित कर रहा है.
आज दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रो फाइनेंसिंग स्कीम का सबसे ज्यादा लाभ भारत की महिलाएं ही उठा रही हैं. भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 सप्ताह की भुगतानशुदा मातृत्व अवकाश दी जा रही है.
बीते कुछ सालों में रिफॉर्म-परफॉर्मेंस-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है. ये अनुभव, विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए आज है.
भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन-आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लाउंडरिंग के खिलाफ उठेगी. भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी.
महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम आत्मनिर्भर भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे.

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