मन की बात में पीएम मोदी बोले- किसानों को मजबूत बनाने से होगी आत्मनिर्भर भारत की नींव, मन की बात:प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- नए किसान बिल से किसानों को फायदा होगा, उन्हें जहां अच्छे दाम मिलेंगे वहीं फल-सब्जियां बेच सकेंगे
Mann Ki Baat Live Updates: पीएम मोदी (PM Modi) का 'मन की बात' कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप पर सुना जा सकता है, जिसमें पीएम मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं.
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) में देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण के इस संकट के बीच कहानियों के महत्व का जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता. कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें. भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है. हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है. जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गयी, ताकि, विवेक और बुद्धिमता की बातों को आसानी से समझाया जा सके.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता. कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें. भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है. हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है. जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गयी, ताकि, विवेक और बुद्धिमता की बातों को आसानी से समझाया जा सके.’
‘तमिलनाडु और केरल में कहानी सुनाने की बहुत ही रोचक पद्धति है. इसे ‘विल्लू पाट्’ कहा जाता है. इसमें कहानी और संगीत का बहुत ही आकर्षक सामंजस्य होता है. हमारे यहाँ कथा की परंपरा रही है. ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है . इसमें ‘कताकालक्षेवम्’ भी शामिल रहा . हमारे यहां तरह-तरह की लोक-कथाएं प्रचलित हैं.’
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत में कठपुतली की जीवन्त परम्परा भी रही है. इन दिनों science और science fiction से जुड़ी कहानियां एवं कहानी कहने की विधा लोकप्रिय हो रही है. मैं देख रहा हूँ कि कई लोग किस्सागोई की कला को आगे बढाने के लिए सराहनीय पहल कर रहे हैं. ‘मुझे http://gaathastory.in जैसी website के बारे में जानकारी मिली, जिसे, अमर व्यास, बाकी लोगों के साथ मिलकर चलाते हैं . अमर व्यास, IIM अहमदाबाद से MBA करने के बाद विदेशों में चले गए, फिर वापिस आए.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कई ऐसे प्रयास भी हैं जो ग्रामीण भारत की कहानियों को खूब प्रचलित कर रहे हैं. वैशाली व्यवहारे देशपांडे जैसे कई लोग हैं जो इसे मराठी में भी लोकप्रिय बना रहे हैं. चेन्नई की श्रीविद्या वीर राघवन भी हमारी संस्कृति से जुड़ी कहानियों को प्रचारित, प्रसारित, करने में जुटी है, वहीँ, कथालय और The Indian story telling network नाम की दो website भी इस क्षेत्र में जबरदस्त कार्य कर रही हैं.’ ‘बेंगलुरु में एक विक्रम श्रीधर हैं, जो बापू से जुड़ी कहानियों को लेकर बहुत उत्साहित हैं . और भी कई लोग, इस क्षेत्र में, काम कर रहे होंगे – आप ज़रूर उनके बारे में Social media पर शेयर करें.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम कथा-शास्त्र को और अधिक कैसे प्रचारित करें, पापुलर करें, और, हर घर में अच्छी कथा कहना, अच्छी कथा बच्चों को सुनाना, ये जन-जीवन की बहुत बड़ी क्रेडिट हो. ये वातावरण कैसे बनाएं, उस दिशा में हम सबने मिल करके काम करना चाहिए.”मैं ज़रूर आपसे आग्रह करूँगा, परिवार में, हर सप्ताह, आप, कहानियों के लिए कुछ समय निकालिए.… आप देखिये कि परिवार में कितना बड़ा खजाना हो जाएगा, रीसर्च का कितना बढ़िया काम हो जाएगा, हर किसी को कितना आनन्द आएगा और परिवार में एक नयी प्राण, नयी ऊर्जा आएगी. उसी प्रकार से हम एक काम और भी कर सकते हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं, कथा सुनाने वाले, सबसे, आग्रह करूँगा, हम, आज़ादी के 75 वर्ष मनाने जा रहें हैं, क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं! विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नयी पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं. ‘मुझे विश्वास है कि आप लोग ज़रूर इस काम को करेंगे. कहानी कहने की ये कला देश में और अधिक मजबूत बनें, और अधिक प्रचारित हो और सहज बने, इसलिए, आओ हम सब प्रयास करें.’
हाइलाइट्स
- क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं! विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नयी पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं- पीएम मोदी
- भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है. हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है: मन की बात में पीएम मोदी
- मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, इस संकट ने परिवारों को जोड़ने का काम किया है. इस दौरान बहुत से परिवारों को दिक्कतें आ रही हैं.
- प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में लोकल के लिए वोकल बनने की अपील की थी. खासकर खिलौना निर्माण में भारतीय लोगों को आगे आने की अपील की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 69वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान कोरोना संकट के बीच बच्चों की ख्याल रखने और किसान बिलों पर उनका फोकस रहा। उन्होंने भरोसा दिया कि नए किसान बिलों से किसानों को फायदा ही होगा। उन्हें जहां ज्यादा कीमत मिलेगी अपनी फसल और फल वे वहीं बेंच सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इशारों ही इशारों में चीन और पाकिस्तान को हिदायत भी दी।
मोदी के भाषण की 8 प्रमुख बातें
- कोरोना के कालखंड में दो गज की दूरी जरूरी बन गई है। इस दौरान कई परिवारों को दिक्कतें भी आईं। परिवार के बुजुर्गों ने बच्चों को कहानियां सुनाकर समय बिताया। कहानियां संवेदनशील पक्षों को सामने लाती हैं। जब मां बच्चे को खाना खिलाने के लिए कहानी सुनाती है, उसे देखना दिलचस्प होता है।
- लंबे समय तक में घुमंतू रूप में रहा। कई घरों में जाता था। मैं बच्चों को कहानियां सुनाता था। वे कहते थे, अंकल चुटकुले सुनाइए। मैं हैरान रह गया कि घरों में कहानियों की परंपरा खत्म हो गई।
- हमारे यहां तो हितोपदेश, पंचतंत्र जैसी कहानियों की परंपरा रही है। दक्षिण भारत में ही ऐसी परंपरा है, जिसे विल्लूपाट कहते हैं। कई लोग इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
- परिवार में हर हफ्ते कहानियों के लिए समय निकालिए। इसके लिए करुणा, वीरता, प्रेम जैसे विषय भी निर्धारित कीजिए। मैं हर स्टोरी टेलर से कहना चाहता हूं कि हम आजादी का 75वां साल मनाने जा रहे हैं। आजादी से लेकर अब तक की घटनाओं को कहानियों में गढ़ सकते हैं क्या?’
- हमारे यहां कहा जाता है कि जमीन से जुड़ा व्यक्ति बड़े से बड़े तूफानों में अडिग रहता है। कोरोना के संकट काल में किसानों ने दमखम दिखाया है। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। मुझे कई किसानों, संगठनों की चिट्ठियां मिलती हैं कि खेती में कैसे बदलाव आ रहे हैं?
- हरियाणा के किसान कंवर चौहान ने बताया कि उन्हें मंडियों से बाहर फल-सब्जी बेचने में दिक्कत आती थी। गाड़ियां जब्त हो जाती थीं। 2014 में एपीएमसी एक्ट में बदलाव हुए। उन्होंने एक समूह बनाया। अब उनकी चीजें फाइव स्टार होटलों में सप्लाई हो रही हैं। ढाई से तीन करोड़ सालाना कमा रहे हैं। यही ताकत देश के दूसरे किसानों की ताकत है।
- गेहूं, धान, गन्ना या किसी भी फसल को जहां मर्जी हो, वहां बेचने की ताकत मिल गई है। पुणे, मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहे हैं। इसका सीधा लाभ होता है। नए किसान बिल से किसानों को फायदा होगा। जहां अच्छे दाम मिलेंगे, किसान वहीं फल-सब्जियां बेचेगा।
- कोरोना काल में मास्क जरूर पहनें, दो गज की दूरी रखें। यह आपको और परिवार को बचाएगा। हम न ये भूलें- जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
अपर्णा ने मोदी को सुनाई तेनालीराम की कहानी
मोदी ने स्टोरी टेलर अपर्णा अत्रेया से बात की। अपर्णा ने कहा कि मैं बैंगलोर स्टोरी टेलिंग सोसाइटी की ओर से आपको बधाई देना चाहती हूं। मेरे पति एयरफोर्स में हैं, मैं पैशनेट स्टोरी टेलर हूं। मुझे बच्चों को कहानी के जरिए शिक्षा देने का मौका मिला। दादी से कहानियां सुनने के दौरान ही मुझे लगा कि बच्चों के साथ ऐसा करना कितना दिलचस्प होगा। अपर्णा के साथ उनकी टीम की कई महिलाओं ने मोदी से स्टोरी टेलिंग को लेकर बात की। अपर्णा ने मोदी को विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेव राय और उनके मंत्री तेनालीराम की कहानी सुनाई।