कुलभूषण जाधव के वकील के लिए भारत से बात करेगा पाक, 22 जनवरी को रिहा होंगे इस्माइल

कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को बलूचिस्तान से साल 2016 में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, एक फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने 10 अप्रैल 2017 को उन्हें सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, भारत ने इस फैसले के खिलाफ मई 2017 को ICJ में अपील की थी.

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय कुलभूषण जाधव के मामले पर सुनवाई के लिए पाकिस्तान सरकार (Pakistan) भारत से संपर्क कर सकती है. गुरुवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) ने पाकिस्तानी सरकार को भारत (India) से जाधव के वकील के संबंध में बात करने को कहा है. वहीं, अदालत ने मामले की सुनवाई को आगामी 3 फरवरी तक के लिए टाल दिया है. वहीं, अदालत ने एक और भारतीय इस्माइल के केस की भी सुनवाई की.

पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द डॉन की खबर के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को भारत से बात करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा कि सरकार भारत से पूछें कि वे कुलभूषण जाधव के लिए वकील नियुक्त करना चाह रही है या नहीं. गुरुवार को हाईकोर्ट के मुख्यन्यायाधीश अतहर मिनल्लाह, आमेर फारूक और मियांगुल हसम औरंगजेब की बेंच एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

कानून मंत्रालय की तरफ से दायर की गई इस याचिका में जाधव के लिए डिफेंस काउंसिल को नियुक्त करने की मांग की गई थी. द डॉन के मुताबिक, इस दौरान डिप्टी एटॉर्नी जनरल सैयद मोहम्मद तैयब ने अदालत को बताया कि एटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान सुप्रीम कोर्ट में व्यस्त हैं. ऐसे में वे इस्लामाबाद हाईकोर्ट में जाधव के मामले में दलील करने में असमर्थ हैं.

जाधव को बलूचिस्तान से साल 2016 में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, एक फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने 10 अप्रैल 2017 को उन्हें सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, भारत ने इस फैसले के खिलाफ मई 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील की थी. जिसके बाद जाधव के खिलाफ सुनाए गए मौत के फैसले पर रोक लगा दी गई थी. आईसीजे ने पाकिस्तान को ट्रायल प्रक्रिया की पूरी समीक्षा करने और भारत को कॉन्स्युलर एक्सेस देने की बात कही थी.

इस्माइल को लेकर की गई सुनवाई में डिप्टी एटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि आंतरिक मंत्रालय ने उन्हें एनओसी दे दिया है. द डॉन के अनुसार, माना जा रहा है कि इस्माइल को 22 जनवरी को वाघा बॉर्डर के जरिए रिहा किया जा सकता है. अदालत ने इस्माइल की फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की तरफ से मिली सजा पूरी होने के बाद भी हिरासत में रखे जाने को लेकर पूछताछ की थी.

 

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