कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर फंसे 300 भारतीय, वापस लाने के लिए सरकार ने भेजी फ्लाइट
300 भारतीय फिलिपींस (Phillipins), कम्बोडिया (Combodia) और मलेशिया (Malasia) की यात्रा कर हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं. इनमें कई छात्र भी शामिल हैं.
तिरुवनंतपुरम. कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते उड़ानें रद्द होने से केरल (Kerala) के कम से कम 300 लोग मलेशिया (Malasia) के कुआलालंपुर हवाई अड्डे (Kualalumpur) पर फंसे हुए हैं. ये लोग फिलिपींस (Phillipins), कम्बोडिया (Combodia) और मलेशिया (Malaysia) की यात्रा कर हवाई अड्डे पर पहुंचे हैं. इनमें कई छात्र भी शामिल हैं. हालांकि भारत सरकार ने इन छात्रों को वापस लाने के लिए फ्लाइट्स भेज दी हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि- “कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर वापस आने की प्रतीक्षा कर रहे भारतीय छात्रों और अन्य यात्रियों की कठिन स्थिति की सराहना करते हैं. हमने अब आपके लिए दिल्ली और विशाखापत्तनम के लिए एयर एशिया की उड़ानों को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने कहा कि ये मुश्किल समय है और आप सभी को एहतियात बरतना चाहिए. कृपया एयरलाइन के संपर्क में रहें.”
छात्रों ने कहा हम वापस फिलिपींस नहीं चाहते
विभिन्न समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो में एक छात्रा कहती दिख रही थी कि, ‘हम फिलिपींस में पढ़ाई कर रहे हैं. कई उड़ानें रद्द हो गई हैं और हम कुछ घंटों से यहां फंसे हुए हैं. हम फिलिपींस वापस नहीं जा सकते और न ही भारत सरकार हमें लाने को तैयार है. हम भारतीय अधिकारियों से संपर्क की कोशिश कर रहे हैं. हम में से कोई भी फिलिपीन वापस नहीं जाना चाहता.’
वीडियो में कुछ लोगों ने कहा कि बोर्डिंग पास मिलने के बाद उन्हें बताया गया कि उड़ान रद्द कर दी गई है. यात्रियों ने कहा केरल, बेंगलुरू और चेन्नई को जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
Appreciate the difficult situation of Indian students and other passengers waiting in transit at Kuala Lumpur airport. We have now approved @AirAsia flights for you to Delhi and Vizag.
These are tough times and you should understand the precautions. Please contact the airline.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 17, 2020
हालांकि राज्यसभा सदस्य जोस के मणि ने जानकारी दी थी कि वह भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं. एक अन्य वीडियो में एक महिला रोते हुए अधिकारियों से उन्हें इटली से बाहर निकालने की गुहार लगा रही है.
महिला ने कहा, ‘हमें केवल अपनी राज्य और केन्द्र सरकार से उम्मीद कर सकते हैं. हम यह जानना चाहते हैं कि क्या हम वापस आ पाएंगे.’