भारत की स्वदेशी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों की घोषणा

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा बनाई जा रही ये वैक्सीन एंटीबॉडी (Anti-Bodies) क्रिएट करने में कारगर दिखाई दे रही है.

0 999,154
नई दिल्ली. भारत की स्वदेशी के कोरोना वैक्सीन के पहले फेज के क्लीनिकल ट्रायल की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा बनाई जा रही ये वैक्सीन एंटीबॉडी (Anti-Bodies) क्रिएट करने में कारगर दिखाई दे रही है.

कम तापमान पर स्टोर किया जाना मानी जा रही है सबसे बड़ी कामयाबी
BBV152 के वैज्ञानिक नाम वाली इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान पर ही रखना होता है. और यही वजह है कि इस वैक्सीन का देश में बेसब्री के साथ इंतजार किया जा रहा है. क्योंकि Pfizer या मॉडर्ना की वैक्सीन के लिए टेंपरेचर कंट्रोल की व्यवस्था करना भी एक चैलेंज है. जहां Pfizer को -70 डिग्री तो वहीं मॉडर्ना को -30 डिग्री तापमान पर स्टोर करके रखना है.

सितंबर में पूरे हुए थे पहले फेज के क्लीनिकल ट्रायल
भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल सितंबर महीने में ही समाप्त हो गया था जिसके नतीजे अब सार्वजनिक किए गए हैं. पीएम मोदी ने भी भारत बायोटेक की वैक्सीन का जायजा लिया था. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से कोवैक्सिन के बारे में जानकारी प्राप्त की थी. घंटे भर के दौरे के बाद मोदी ने ट्वीट किया था, ‘हैदराबाद में भारत बायोटेक कंपनी में कोविड-19 के स्वदेशी टीके के बारे में जानकारी मिली. वैज्ञानिकों को अभी तक किए गए परीक्षण में प्रगति के लिए बधाई. उनकी टीम आईसीएमआर के साथ निकटता से काम कर रही है.’

इससे पहले यह भी खबर आई थी कि भारत बायोटेकनाक के माध्यम से दिया जाने वाला कोविड-19 रोधी टीका (intranasal vaccine) विकसित कर रही है जिसका पहले चरण का परीक्षण अगले महीने शुरू हो सकता है. टीका निर्माता कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला (Krishna Ella) ने टाई ग्लोबल समिट (टीजीएस) के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत बायोटेक कोवैक्सीन समेत अन्य टीकों के उत्पादन के लिए दो और इकाइयां लगा रही है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.