नई दिल्ली. भारत से अब मानसून (Monsoon In India) का मौसम खत्म होने का है. इस बार भी बीते साल की तरह ही ज्यादा बारिश हुई. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अधिकांश भागों तथा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले दो दिन में मानसून के लौटने की स्थिति बन रही है. दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता मध्यम दर्जे की रही लेकिन शुक्रवार को इसके खराब होने की संभावना है.आईएमडी के एक अधिकारी के अनुसार सोमवार से राजस्थान से मानसून के लौटने की शुरुआत हो गई और अगले तीन दिन में उत्तर पश्चिमी भारत के बाकी क्षेत्रों से भी लौटने की संभावना है. अंडमान निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण कर्नाटक के ज्यादातर भागों में बिजली कड़कने के साथ बारिश हुई.
केरल, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पुडुचेरी, कराईकल और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई. आईएमडी के अनुसार अगले पांच दिन में उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम सूखा रहेगा. आईएमडी ने बताया कि इस बार सर्दियों का मौसम सामान्य रहेगा. गौरतलब है कि बीते साल 2019 में 110 % ज्यादा बारिश दर्ज की गई वहीं इस बार यह आंकड़ा यह 109 प्रतिशत रहा. इससे पहले इतनी बारिश साल 1958 में 109.8 % और 1959 में 114.3% हुई थी. वही साल 1916 में 110 % और 1917 में 120 % बारिश हुई थी. इस साल मानसून में अगस्त महीने में सबसे ज्यादा बारिश हुई. अगस्त में 27 % बारिश दर्ज की गई. बताया गया कि मानसून की वापसी 11 दिन देर हो रही है.
असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार, तमिलनाडु पुडुचेरी में भारी बारिश
दूसरी ओर असम में बाढ़ की स्थिति में मंगलवार को सुधार हुआ हालांकि डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. तमिलनाडु और पुडुचेरी में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि मानसून के लौटने में हुई देर और वायु में स्थायित्व से सप्ताहांत में दिल्ली में वायु की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. पूर्वोत्तर राज्यों में एक अक्टूबर से बारिश होने की संभावना बढ़ सकती है. असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में एक अक्टूबर से तीन अक्टूबर के बीच बारिश हो सकती है. असम में विश्वनाथ जिले में एक व्यक्ति की मौत के साथ इस साल बाढ़ से संबंधित घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है.