नई दिल्ली. आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargava, DG ICMR) ने कहा कि ब्रिटेन (Britain) में पाया गया कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया वायरस वैरिएंट अब 60% से अधिक संक्रामक है. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन में कहर बरसा रहा है. वहां की स्थिति चिंताजनक है. बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में इस प्रकार के 29 मरीज हैं जिनके लिए हमें सतर्क रहना चाहिए. हम बहुत जल्द नए वायरस की पहचान करने में सक्षम हो सके.
आईसीएमआर के निदेशक ने कहा कि एनआईवी वैज्ञानिकों ने नए वायरस के स्ट्रेन को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है और इसके खिलाफ विभिन्न टीकों का परीक्षण किया जाएगा. हमें उम्मीद है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन और साथ ही अन्य टीके भी नए स्ट्रेन पर असरदार साबित होंगे. क्योंकि यह एक संपूर्ण वायरस है.
भार्गव ने कहा कि हम यह नहीं जानते हैं कि टीका कब तक प्रभावी हो सकता है, हम यह नहीं जानते हैं कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए हमें कितनी आबादी का टीकाकरण करना होगा. हम जानते हैं कि हम कोविड के उचित व्यवहार का पालन करके देश में महामारी को नियंत्रित करने में सक्षम हैं.
भार्गव ने कहा मेरा मानना है कि मास्क शायद सबसे आखिर में जाएं और ऐसा भी होता है कि शायद कभी भी मास्क की जरूरत खत्म न हो.
आईसीएमआर प्रमुख ने कहा हम यह नहीं जानते हैं कि टीका कब तक प्रभावी हो सकता है, हम यह नहीं जानते हैं कि वायरस संचरण को तोड़ने के लिए हमें कितनी आबादी का टीकाकरण करना होगा. हम जानते हैं कि हम कोविड के उचित व्यवहार का पालन करके देश में महामारी को नियंत्रित करने में सक्षम हैं.
नए स्ट्रेन को आइसोलेट करने वाला दुनिया का पहला देश भारत
इससे पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) (आईसीएमआर) ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन में सामने आये कोरोना वायरस के नये प्रकार (स्ट्रेन) (Coronavirus New strain) का भारत ने सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ किया है. ‘कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और आमतौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है.
आईसीएमआर ने एक ट्वीट में दावा किया कि किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाये गये सार्स-कोवी-2 के नये प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है. आईसीएमआर ने कहा कि वायरस के ब्रिटेन में सामने आये नये प्रकार को सभी स्वरूपों के साथ राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में अब सफलतापूर्वक पृथक और कल्चर कर दिया गया है. इसके लिए नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किये गये थे.
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया प्रकार पाया गया है, जो 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सार्स-कोवी-2 के इस नये ‘स्ट्रेन’ से भारत में अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.