COVID-19: खाड़ी देशों में फंसे भारतीय जल्द आएंगे वापस, भारतीय नौसेना और वायुसेना ने बनाया ये प्लान
भारतीय नौसेना खाड़ी देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपने लैंडिंग प्लेटफॉर्म युद्धपोत आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) और दो अन्य युद्धपोतों को तैयार कर रही है.
नई दिल्ली. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए ज्यादातर देशों में लॉकडाउन कर दिया गया है. तमाम देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को विभिन्न विमानों से अपने देश लाया गया है, लेकिन अभी भी खाड़ी देशों में कुछ लोग फंसे हुए हैं. अब इन्हें भी जल्द से जल्द स्वदेश वापस लाया जाएगा. भारतीय नौसेना (Indian Navy), वायुसेना (Air Force) ने एअर इंडिया के साथ मिलकर खाड़ी देशों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए एक खास प्लान बना लिया है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नौसेना खाड़ी देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपने लैंडिंग प्लेटफॉर्म युद्धपोत आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) और दो अन्य युद्धपोतों को तैयार कर रही है. आईएनएस जलाश्व फिलहाल विशाखापत्तनम से बाहर है, वहीं मगर श्रेणी के युद्धपोत पश्चिमी समुद्री तट पर हैं.
सूत्रों का कहना है कि तीनों युद्धपोत फिलहाल स्टैंडबाय मोड पर हैं. आदेश जारी होने के बाद ही इन्हें रवाना कर दिया जाएगा. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बड़ी संख्या में लोगों को स्वदेश वापस लाया जा सकता है.
न्यूज एजेंसी ANI ने मंगलवार को बताया था कि कोरोना वायरस के कारण खाड़ी देशों में फंसे लाखों भारतीयों को निकालने के लिए एअर इंडिया और भारतीय नौसेना के जहाजों को स्टैंडबाय मोड पर रखने का आदेश दिया गया है. बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन जैसे खाड़ी में लगभग 10 अरब भारतीय रहते हैं.
तीनों मुल्कों में 15 लाख भारतीय बतौर निवासी या कामगार रहते हैं. यहां तक कि इराक जैसे संघर्ष में उलझे मुल्क में भी तेल श्रमिक, ट्रक चालक वगैरह के रूप में 17,000 से अधिक भारतीय (पिछले साल का आंकड़ा) काम कर रहे हैं.
एक अधिकारी ने बताया, ‘इस तरह के मिशन को कब लॉन्च किया जाएगा, इस पर कोई संकेत नहीं दिए गए हैं. नेवी के जहाजों को लोगों को वापस लाने के लिए कई चक्कर लगाने होंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए एक बार में 500 लोगों को वापस लाया जा सकता है.’
अधिकारी ने आगे बताया, ‘इस मिशन में हम अमेरिका या फ्रांस जैसी स्थिति नहीं चाहते, जिसमें शिप से लाए गए लोगों में वायरस का संक्रमण फैल गया था. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि शिप से लौटने वाले सभी लोग कोरोना टेस्ट में नेगेटिव हो और समुद्री यात्रा करने के लिए मेडिकल तौर पर फिट हों.’
क्या है INS जलाश्व?
आईएनएस जलाश्व एक पूर्व अमेरिकी नौसेना जहाज हैं, जिसे 2007 में भारतीय नौसेना द्वारा अधिग्रहित किया गया था. 16,000 टन से अधिक वजन के साथ, आईएनएस जलाश्व विमान वाहक पोतस आईएनएस विक्रमादित्य के बाद भारतीय नौसेना में दूसरा सबसे बड़ा युद्धपोत है. जलाश्व में टैंकों को ले जाने में सक्षम है और इसमें 1,000 तक सैनिक रह सकते हैं.