ओबीसी, SC/ST के संपन्न लोग ही जरूरतमंदों को आरक्षण का फायदा नहीं लेने देते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकारों को चेताया कि भविष्य में कभी भी किसी समुदाय को 50 फीसदी से ज़्यादा आरक्षण ना दें.

0 1,000,297

नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में अनुसूचित जनजातियों (scheduled tribe) के लिए सौ फीसदी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. शीर्ष अदालत ने हालांकि अब तक नौकरी पाए लोगों के हित को देखते हुए उन्हें नौकरी में बहाल रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके साथ ही तमाम राज्य सरकारों को चेताया कि भविष्य में कभी भी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज़्यादा नहीं कर सकते. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये दोहराया कि आरक्षण का फायदा उन लोगों को नहीं मिल रहा है, जिन्हें सही मायने में इसकी जरूरत है.

जरूरतमंदों को मिले फायदा

सुप्रीम कोर्ट पांच जजों की बेंच ने कहा, ‘अब आरक्षित वर्गों के भीतर ही लोग परेशान हैं. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के भीतर ही कई लोग अब संपन्न और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से मजबूत हैं. अनुसूचित जातियों/जनजातियों के वंचित व्यक्तियों के सामाजिक उत्थान के लिए आवाज उठाई गई है, लेकिन अब भी आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है. ‘

क्या है पूरा मामला?
दरअसल साल 2000 में आंध्र प्रदेश ने कुछ अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में टीचर की पोस्ट के लिए 100 फीसदी आरक्षण दिया था. आदेश के मुताबिक उन जिलों में सिर्फ अनुसूचित जनजाति के लोगों को ही टीचर की नौकरी मिलनी थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब इस आदेश को रद्द कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने कहा कि इससे आरक्षित वर्गों के अधिकारों का हनन हो रहा है. ऐसे में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल द्वारा जारी किए गए सरकारी आदेश को रद्द कर दिया

पुराने फैसले को दोहराया

सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले के मुताबिक आरक्षण 50 फीसदी से ज़्यादा नहीं हो सकता. पीठ ने इंदिरा साहनी जजमेंट को भी दोहराया है, जिसके मुताबिक आरक्षण संवैधानिक रूप से वैध है अगर वे 50% से आगे नहीं जाते हैं. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने 13 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था कि अनुसूचित क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों के पदों में 100% आरक्षण अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के पक्ष में किया जा सकता है या नहीं.

Leave A Reply

Your email address will not be published.