Lockdown: विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने पर सरकार 3 मई के बाद ही लेगी फैसला: सू्त्र

अब तक की सूचना के मुताबिक, करीब 35,000 लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है. यही कारण है कि सरकार में उच्च स्तर पर इनकी स्वदेश वापसी का रोड मैप तैयार करने पर लगातार मंथन हो रहा है.

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नई दिल्ली. चीन से फैले कोरोना वायरस से भारत समेत दुनियाभर के तमाम देश लड़ रहे हैं. COVID-19 महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन (Lockdown) को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे विदेशों में रह रहे भारतीय भी वहां फंसे हुए हैं, जो जल्द से जल्द स्वदेश लौटना चाहते हैं. हालांकि, सूत्रों की मानें तो विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने पर कोई भी फैसला 3 मई के बाद ही लिया जाएगा.

शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार दूतावासों और उच्चायोगों के जरिए दूसरे देशों में फंसे छात्रों, रोजगार गंवाने वालों और पर्यटन वीजा पर दूसरे देशों में जाकर फंसे लोगों की सूची तैयार करा रही है. लेकिन कोई फैसला लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही लिया जाएगा.

दरअसल, कोरोना के चलते आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, रूस, जर्मनी, अमेरिका, मलयेशिया, फिलीपींस जैसे देशों में हजारों छात्र फंसे हुए हैं. यूके और कनाडा में भारी संख्या में भारतीय रहते हैं. वहीं, खाड़ी देशों में रह रहे करीब 10 लाख भारतीय स्वदेश लौटना चाहते हैं. इस संदर्भ में सेना के डॉक्टरों की भी मदद लेने पर मंथन हुआ है. एयर इंडिया को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

सूत्रों ने बताया कि अब तक की सूचना के मुताबिक, करीब 35,000 लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है. यही कारण है कि सरकार में उच्च स्तर पर इनकी स्वदेश वापसी का रोड मैप तैयार करने पर लगातार मंथन हो रहा है.

विदेश में कितने भारतीय कोरोना पॉजिटिव?
विदेश मंत्रालय के एक आंकड़े के मुताबिक, 55 देशों में 3336 भारतीय कोरोना पॉजिटिव हैं. अकेले खाड़ी देशों में यह संख्या 2000 है. सूत्रों का कहना है कि मुख्य मुश्किल खाड़ी समेत कई देशों में कोरोना के कारण हजारों की संख्या में लोगों के बेरोजगार होने का है. बेरोजगार लोग भी स्वदेश वापसी के लिए दूतावासों-उच्चायोगों से लगातार मदद मांग रहे हैं.


 


 

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