कोरोना वायरस की वैक्‍सीन के लिए चुकाना पड़ सकता है पैसा, 2700 रुपये प्रति डोज बेचेगी मॉडर्ना

मॉडर्ना कंपनी के चीफ एक्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर स्‍टीफन बैंसेल ने एक जर्मन अखबार से कहा कि वैक्‍सीन की कीमत उसके ऑर्डर की मात्रा पर भी निर्भर करेगा.

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नई दिल्‍ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) को अपने टीके या वैक्‍सीन (Covid 19 vaccine) से 94.5 फीसदी खत्‍म करने का दावा करने वाली अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना जल्‍द ही इसकी डोज भी उपलब्‍ध करा सकती है. लेकिन इस वैक्‍सीन के लिए प्रति डोज के हिसाब से सरकारों को कंपनी को रुपये भी अदा करने पड़ेंगे. यह रकम 25 डॉलर (1854 रुपये) से 37 डॉलर (2744 रुपये) के बीच हो सकती है. बता दें कि भारत भी कोरोना वैक्‍सीन के लिए मॉडर्ना से संपर्क में है.

इस संबंध में मॉडर्ना कंपनी के चीफ एक्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर स्‍टीफन बैंसेल ने एक जर्मन अखबार से कहा है कि वैक्‍सीन का मूल्‍य उसके ऑर्डर की मात्रा पर भी निर्भर करेगा. स्‍टीफन का कहना है कि मॉडर्ना की ओर से बनाई गई वैक्‍सीन का मूल्‍य सामान्‍य फ्लू वक्‍सीन के शॉट के मूल्‍य के बराबर है. यह 10 डॉलर से 50 डालर के बीच रहेगा.

यूरोपीय संघ मॉडर्ना से कोरोना वायरस वैक्‍सीन की डोज 25 डॉलर से कम कीमत पर लेने पर बातचीत कर रहा है. बैंसेल का कहना है कि अभी हमारे बीच डील नहीं हुई है लेकिन हम इसके बेहद करीब हैं. बता दें कि मॉडर्ना ने हाल ही में घोषणा की है कि प्राणघातक कोरोना वायरस के खिलाफ उसके द्वारा तैयार टीका बीमारी को रोकने में 94.5 प्रतिशत तक प्रभावी प्रतीत होता है। इससे महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए उम्मीद की किरण दिखाई दी है.

मैसाच्युसेट्स के कैम्ब्रिज स्थित मॉडर्ना की घोषणा फाइजर और बायोनटेक की घोषणा के करीब एक हफ्ते बाद आई थी जिसके मुताबिक उसके द्वारा विकसित कोविड-19 का संभावित टीका परीक्षण के दौरान 90 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया है. मॉडर्ना ने बयान में कहा था, ‘तीसरे चरण में एमआरएनए-1273 (टीके का नाम) के अध्ययन के लिए गठित…स्वतंत्र, एनआईएच द्वारा नियुक्त डॉटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) ने कंपनी को सूचित किया है कि उसका संभावित टीका प्रभाव के अध्ययन में निर्धारित अर्हता को पूरा करता है और टीका 94.4 प्रतिशत प्रभावी प्रतीत होता है.’

मॉडर्ना ने कहा है कि ‘कोव’ नाम से किए गए अध्ययन के तहत अमेरिका में 30,000 प्रतिभागी पंजीकृत हैं. मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन ने कहा था, ‘यह कोविड-19 का टीका विकसित करने के हमारे प्रयास में अहम क्षण है. जनवरी के शुरुआत से ही हम इस वायरस का पीछा कर रहे थे ताकि पूरी दुनिया में यथा संभव लोगों को बचाया जा सके. हम जानते थे कि इस महामारी में हर दिन अहम है. तीसरे चरण के अध्ययन के सकारात्मक विश्लेषण ने हमें चिकित्सकीय मान्यता दी कि हमारा टीका कोविड-19 बीमारी को रोक सकता हैं.’

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