भोपाल/नई दिल्ली. कर्नाटक की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी सियासी नाटक शुरू हो चुका है. मंगलवार देर रात हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता पीसी शर्मा का आरोप है कि कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) को अस्थिर करने को लेकर बीजेपी ने 11 विधायकों को पाला बदलने के लिए 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था. विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में रखा गया था.
Digvijaya Singh, Congress: When we got to know, Jitu Patwari & Jaivardhan Singh went there. People with whom our contact was established were ready to come back to us. We were able to get in touch with Bisahulal Singh & Ramabai. Ramabai came back, even when BJP tried to stop her. https://t.co/WWSXQbdXzB pic.twitter.com/MHL0Rl6mLm
— ANI (@ANI) March 3, 2020
हालांकि, दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि इनमें से 7 विधायकों को बीजेपी के ‘कब्जे’ से मुक्त करा लिया गया है. अब सिर्फ 4 विधायक ही बीजेपी के पास हैं. इस सियासी घमासान के बीच आइए समझते हैं कि ये 4 विधायक क्या कमलनाथ सरकार के लिए मुसीबत बन सकेंगे, या फिर कांग्रेस सरकार इस कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ को नाकाम कर देगी. इसके लिए आइए मध्य प्रदेश के सियासी समीकरण पर एक नजर डालते हैं…
क्या है मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति
कुल 230 विधायकों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में अभी 228 विधायक हैं. इनमें से कांग्रेस के 114, बीजेपी के 107 विधायक हैं. दो विधायक बहुजन समाज पार्टी से भी हैं, जबकि सपा से एक और चार निर्दलीय विधायक भी हैं. वहीं दो सीट विधायकों के निधन के चलते खाली हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 113 है.
बीजेपी के पास कांग्रेस के कितने विधायक होने का दावा?
दिग्विजय सिंह का दावा है कि बीजेपी के पास अभी कांग्रेस के तीन विधायक और एक निर्दलीय विधायक है. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मध्य प्रदेश के विधायकों को धोखा देकर होटल में लाया गया था. हमारे पास सबूत भी हैं. बीजेपी खुलेआम कांग्रेस पार्टी के विधायकों को पाला बदलने के लिए करोड़ों का लालच दे रही है.’
इससे कमलनाथ सरकार पर क्या असर होगा?
जानकारों की मानें तो फिलहाल राज्य में कांग्रेस सरकार सुरक्षित है. कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. अगर बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग कर भी रही है, तो भी उसे सरकार बनाने के लिए कम से कम 6 विधायकों की जरूरत होगी.
दिग्विजय का दावा है कि बीजेपी के पास कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक हैं, जिन्हें वापस बुलाने की कोशिशें जारी हैं. लेकिन, अगर बीजेपी और चार से पांच विधायक तोड़ लेती है, तो कांग्रेस की सरकार मुश्किल में आ सकती है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा, क्योंकि, कांग्रेस अपने वापस लाए अपने विधायकों को दूसरे जगह शिफ्ट कर रही है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि इन सभी विधायकों को कर्नाटक के एक रिजॉर्ट में शिफ्ट किया जा सकता है.
गुरुग्राम. कांग्रेस ने बीजेपी पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) को अस्थिर करने का आरोप लगाया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था. उन्होंने दावा किया कि इनमें से छह से सात विधायकों को बीजेपी के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है. दिग्विजय सिंह ने बताया कि अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास है. हालांकि, दिग्जिवय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह को सिर्फ BSP की निष्कासित विधायक रमाबाई के साथ ही लौटते हुए देखा गया. इस सबके बीच गुरुग्राम में रात भर सियासी ड्रामा चला. जानकारी के मुताबिक, नरोत्तम मिश्रा पांच विधायकों के साथ होटल में रुके थे.
विधायकों को दूसरी जगह किया गया शिफ्ट
कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया: दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह की होटल में दाखिल होने को लेकर होटल मैनेजमेंट के साथ बहस भी हुई. इसके बाद एक तस्वीर में मंत्री जयवर्धन सिंह विधायक रमाबाई के साथ आते हुए नजर आए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता के साथ कांग्रेस विधायक बिसाहुलाल समेत कई कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया. दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. हरियाणा में बीजेपी की सरकार होने के कारण भाजपा के नेताओं ने इस होटल को चुना. बररहाल इस खबर के बाहर आने के बाद सियासी हंगामा उठ खड़ा हुआ और भोपाल से लेकर दिल्ली और गुड़गांव में हंगामा खड़ा हो गया.
‘जब हमें पता चला, तो जीतू और जयवर्धन को मानेसर के होटल भेजा गया’
एएनआई ने इस सियासी ड्रामे के मामले में दिग्विजय सिंह के हवाले से ट्वीट किया है. इस ट्वीट के अनुसार, दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘जब हमें पता चला, तो जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को वहां (मानेसर के होटल ) भेजा गया. जिन लोगों के साथ हमारा संपर्क स्थापित किया गया वे हमारे पास वापस आने के लिए तैयार थे. हम बिसाहूलाल सिंह और रामबाई के लगातार संपर्क में थे. रामबाई तब भी वापस आईं, जब भाजपा ने उन्हें रोकने की कोशिश की.