जानिए किन नियमों के तहत श्री हरमंदिर साहिब में अब मिलेगा विदेशों से चंदा

Foreign Contribution Regulatory Act: एफसीआरए एक ऐसा कानून है, जो भारत में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) तथा अन्य लोगों हेतु कुछ व्यक्तियों या संगठनों द्वारा प्रदान किए गए विदेशी योगदान को विनियमित करने के लिए संसद द्वारा अधिनियमित है.

अमृतसर. पवित्र धार्मिक स्थल श्री हरमन्दिर साहिब (Sri Harmandir Sahib) में अब विदेश से भी श्रद्धालु लंगर और सेवा के लिए दान कर सकते हैं. इसके लिए गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने एफसीआरए (FCRA) यानि फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेटरी ऐक्ट (Foreign Contribution Regulatory Act) के नियम में अहम बदलाव कर इसका पंजीकरण किया है और अनुमति दी है. ये अनुमति पांच साल तक मान्य रहेगी.

गृह मंत्रालय ने पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में स्थित श्री हरमंदिर साहिब को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के तहत पंजीकरण की अनुमति दी है. गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा है कि यह निर्णय हमारी सिख बहनों और भाइयों की सेवा की उत्कृष्ट भावना को प्रदर्शित करेगा.

सचखंड श्री हरमंदिर साहिब श्री दरबार साहिब पंजाब एसोसिएशन ने विदेशों से चंदा हासिल करने की मंजूरी के लिए एफसीआरए के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister Office) के पास आवेदन दिया था. इस आवेदन पर इसी साल 27 मई को सरकारी स्तर पर चर्चा हुई थी, प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस आवेदन को आगामी कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया था जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इस आवेदन को मंजूर कर लिया है.

1925 में हुई थी इस एक्ट की स्थापना

इस मंजूरी के बाद अब कानूनी संस्था सचखंड श्री हरमंदिर साहिब श्री दरबार साहिब लंगर के लिए विदेश से भी चंदा हासिल कर सकेगी. इस संस्था की स्थापना 1925 के सिख गुरुद्वारा एक्ट के तहत हुई है और यह संस्था अब तक गरीबों, जरूरतमंदों और छात्रों को लंगर के लिए अब तक देश से मिलने वाले चंदे पर ही निर्भर थी लेकिन इस मंजूरी के बाद अब संस्था किसी भी देश से चंदा हासिल कर सकेगी. गृह मंत्रालय के इस फैसले के बाद केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर गृहमंत्री के फैसले पर आभार जताया.

विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) एक ऐसा कानून है, जो भारत में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) तथा अन्य लोगों हेतु कुछ व्यक्तियों या संगठनों द्वारा प्रदान किए गए विदेशी योगदान को विनियमित करने के लिए संसद द्वारा अधिनियमित है. एफसीआरए अधिनियम साल 1976 में बना था. एफसीआरए के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने पर पांच वर्ष की जेल या जुर्माना हो सकता है. इस अधिनियम को साल 2010 में बहुत बड़े पैमाने पर संशोधित किया गया था.

 

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