Kisaan Aandolan: किसानों ने खारिज किया सरकार का प्रस्ताव, अमित शाह से मिलने पहुंचे कृषि मंत्री, सरकार का प्रस्ताव ठुकराया, किसान नेता बोले- पूरे देश में आंदोलन तेज होगा, अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट और भाजपा नेताओं का बायकॉट करेंगे

Farmers Protest: दिल्ली की सरहदों पर किसानों का आंदोलन लंबे समय से जारी है. किसान और सरकार के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. फिलहाल किसानों ने सरकार के संशोधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों को आज सरकार से लिखित प्रस्ताव मिला, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया है. सरकार ने MSP, मंडी सिस्टम पर अपनी ओर से कुछ संशोधन सुझाए थे. किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पूरे देश में हम आंदोलन को और तेज करेंगे.

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नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी किसान आंदोलन जोर पकड़ता नजर आ रहा है. सरकार की तरफ से दिए गए संशोधन के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने नामंजूर कर दिया है. इसके बाद हुई किसान नेताओं की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इस बार किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश हाइवे और राजस्थान के हाइवे को ठप करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली में नाकेबंदी की जाने की खबरें हैं. सरकार ने किसानों के सामने 9 सूत्रीय प्रस्ताव रखा था. यह ड्राफ्ट 13 संगठन नेताओं को भेजा गया था. किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसान नेताओं के इस ऐलान के बाद हलचल बढ़ गई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे हैं.

किसानों और सरकार में बनेगी बात? (PTI)

कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों से 6 बार बातचीत करने के बाद सरकार ने आज कानूनों में बदलाव का 10 पॉइंट का लिखित प्रस्ताव भेजा था। लेकिन, किसानों ने इसे भी ठुकरा दिया। किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि अब पूरे देश में आंदोलन तेज होगा। अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट और भाजपा नेताओं का बायकॉट करेंगे।

तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को केंद्र के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि वह एमएसपी (MSP) को जारी रखने के लिये लिखित में आश्वासन देने को तैयार है. किसान नेताओं (Farmers Protest) ने संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा कि सरकार अगर दूसरा प्रस्ताव भेजे तो वे उन पर विचार कर सकते हैं. किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये गए तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जाएगा और किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली में प्रवेश करने के बारे में भी फैसला ले सकते हैं.

14 दिसंबर को जिला मुख्‍यालयों का करेंगे घेराव

उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से अगले दौर की वार्ता पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. कक्का ने कहा कि इन कानूनों के विरोध में किसान 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे और 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद किया जाएगा. किसान नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 12 दिसंबर को आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा और उस दिन देश के किसी भी टोल प्लाजा पर कोई कर नहीं दिया जाएगा.

वहीं, किसान नेता प्रह्लाद सिंह भारुखेड़ा ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और हम कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. गौरतलब है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसान संगठनों की अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को किसान संगठनों के 13 नेताओं से बातचीत की थी, लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया था. उसके बाद बुधवार को सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द कर दी गई थी.

किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों से ‘दिल्‍ली चलो’ की हुंकार भरी जाएगी. बाकी राज्‍यों में अनिश्चितकाल तक के लिए धरने जारी रखे जाएंगे. किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्‍ली हाइवे जाम कर दिया जाएगा. किसान नेताओं ने रिलायंस जियो के उत्‍पादों का बहिष्‍कार करने का भी ऐलान किया है. किसान नेताओं ने कहा कि बीजेपी के नेताओं का पूरे देश में घेराव होगा.

कृषि कानूनों पर सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया है. किसान नेताओं ने कहा कि कानून रद्द होने तक हम आंदोलन को तेज करेंगे. बीजेपी के नेताओं का किसान घेराव करेंगे. 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा. दिल्ली की सड़कों को जाम करेंगे. किसान नेताओं ने कहा कि जयपुर-दिल्ली हाइवे को 12 दिसंबर तक रोका जाएगा. पूरे देश में आंदोलन होगा. सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा. 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे. दिल्ली की सड़कों को जाम करेंगे.

विपक्षी दलों की राष्ट्रपति से मुलाकात
सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में आए विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे हैं. एनसीपी के अलावा कांग्रेस, माकपा, भकपा, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस इस मीटिंग में शामिल हो सकती है. पवार के अलावा माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा और डीएमके के टीकेएस एलानगोवन राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे.

येचुरी ने मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से विपक्षी दल कल शाम 5 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे. उन्होंने बताया कि इन नेताओं में राहुल गांधी, शरद पवार और अन्य नेता शामिल होंगे. माकपा महासचिव ने जानकारी दी कि कोविड-19 नियमों के चलते केवल 5 लोगों को ही मुलाकात की अनुमति है.14वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह से हुई किसानों की मुलाकात बेनतीजा रही थी. इससे पहले भी सरकार और किसानों के बीच 5 बार मुलाकात हो चुकी थी. सरकार ने कानूनों में संशोधन की बात कही थी, लेकिन किसान लगातार कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.

 

 

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