बेंगलुरु. कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार (Congress JDS Govt) गिरने के बाद बनी येडियुरप्पा सरकार (BS Yediyurappa Govt) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. जिन कांग्रेस और जेडीएस विधायकों ने कुमारस्वामी सरकार (HD Kumaraswamy) गिराई, अब वही बीजेपी के टिकट पर जीतकर येडियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. ऐसे ही दो विधायक हैं रमेश जारकीहोली (Ramesh Jarkiholi) और महेश कुमताहल्ली (Mahesh Kumatahalli). ये दोनों पहले वाली सरकार में से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. इनमें से रमेश जारकीहोली को मंत्री पद भी दे दिया गया है. लेकिन अब जारकीहोली ने सरकार को धमकी दी है कि यदि उनके साथी विधायक महेश कुमताहल्ली को मंत्री नहीं बनाया गया तो वह इस्तीफा दें देंगे.
ये दोनों दिसंबर में बीजेपी के टिकट पर जीतकर फिर से विधायक बने हैं. बेलगावी में रमेश जारकीहोली ने कहा, बीजेपी राज्य में सरकार महेश कुमताहल्ली के कारण ही सरकार बना पाई है. उन्हें सही जगह मिलनी चाहिए. अगर उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली तो ये उनके साथ अन्याय होगा. ऐसा हुआ तो मैं मंत्री और विधायक दोनों पदों से इस्तीफा दे दूंगा.
राज्य में कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद 15 सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे. इसमें से 13 सीटों पर चुनाव कांग्रेस और जेडीएस के विधायक रहे उम्मीदवार बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे. इसमें से 11 सीटें बीजेपी ने जीत ली थीं. उनमें से सभी को मंत्री पद मिला था. इनमें से केवल कुमताहल्ली को ही मंत्री पद नहीं मिला था.
बीजेपी दे चुकी है इस मामले में सफाई
बीजेपी आलाकमान ने इस मामले में कहा था कि कुमताहल्ली उत्तर कर्नाटक से आते हैं. वह लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उनके समुदाय और क्षेत्र को पूरा प्रतिनिधित्व कैबिनेट में मिल चुका है. उसके बाद से वह लगातार बीजेपी को वचन धर्म की याद दिलाते रहे हैं. हालांकि जब शनिवार को उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने किसी भी तरह की नाखुशी की बात को गलत बताया. साथ ही उन्होंने कहा, मेरे साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं हुआ है. मेरे क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था बेहतर हुई है. जो प्रोजेक्ट दशकों से अटके पड़े थे, वह अब शुरू हो गए हैं.