नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA 2019) पारित होने के तुरंत बाद जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia University) के स्टूडेंट्स ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया. विरोध में निकाला गया मार्च जल्द ही हिंसक (Violence) प्रदर्शन में तब्दील हो गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने स्टूडेंट्स पर जमकर लाठी चलाई. उस समय पुलिस पर आरोप लगा कि जामिया की लाइब्रेरी में बैठे स्टूडेंट्स के साथ बर्बरता की गई. साथ ही पुलिस पर लाइब्रेरी में घुसकर तोड़फोड़ का आरोप भी लगाया गया. पुलिस ने सफाई में कहा कि स्टूडेंटस पर हल्का बल प्रयोग किया गया था. अब जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने 49 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें पुलिस के जवान लाइब्रेरी में घुसकर वहां पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स पर लाठियां बरसाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रवीर रंजन ने कहा कि इस वीडियो की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
Exclusive CCTV Footage of Police Brutality in Old Reading Hall, First floor-M.A/M.Phill Section on
15/12/2019
Shame on you @DelhiPolice @ndtvindia @ttindia @tehseenp @RanaAyyub @Mdzeeshanayyub @ReallySwara @ANI @CNN @ReutersIndia @AltNews @BBCHindi @the_hindu @TheQuint @BDUTT pic.twitter.com/q2Z9Xq7lxv— Jamia Coordination Committee (@Jamia_JCC) February 15, 2020
लाइब्रेरी में बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे स्टूडेंट्स
वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि ओल्ड रीडिंग हॉल (Old Reading Hall) में कुछ स्टूडेंट्स बैठे हुए पढ़ाई कर रहे हैं. एक स्टूडेंट पुलिस को देखकर टेबल के नीचे छुप जाता है. एक स्टूडेंट पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर भगता हुआ दिख रहा है. जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी (Jamia Coordination Committee) ने वीडियो जारी करने के साथ ही पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है. सोशल मीडिया (Social Media) पर वीडियो पोस्ट करने के साथ ही लिखा गया है, ‘इस वीडियो को देखिए और सोचिए कि दिल्ली पुलिस ने जामिया के स्टूडेंट्स पर किस तरह की बरर्बता की है. लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे छात्रों पर बिना किसी गलती के हमला किया जा रहा है.’ दूसरा ट्वीट कर इस हमले के लिए दिल्ली पुलिस पर एफआईआर दर्ज की जाए.
All these rioters became 'students' just as they saw the Police!pic.twitter.com/qPi7ImSeIf
— King (@human_beinng) February 16, 2020
छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान बसों समेत कई वाहनों को लगाई आग
नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर को प्रदर्शन (Protest) हुआ था. उस दिन प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी बसों (DTC Buses) समेत कई वाहनों को आग लगा के हवाले कर दिया था. बाद में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ जामिया परिसर में कथित तौर पर पुलिस कार्रवाई से विवाद खड़ा हो गया था. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने कहा था कि पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन की बिना अनुमति के ही परिसर में घुसी. फिर छात्रों को पीटा गया और उन्हें कैंपस से बाहर निकाला गया. छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में जामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों ने देर रात को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी
घटना के अगले दिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा था कि वह कैंपस में पुलिस के घुसने को लेकर उच्चस्तरीय जांच (Probe) की मांग करेगा. साथ ही कहा था कि एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी. विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा था कि पुलिस बिना अनुमति के ही कैंपस में घुसी थी. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि इस लड़ाई में हमारे छात्र अकेले नहीं हैं. मैं भी उनके साथ हूं.’ तब नजमा अख्तर ने कहा था, ‘यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस के घुसने के खिलाफ हम एफआईआर दर्ज कराएंगे. आप संपत्ति को फिर दुरुस्त कर सकते हैं, लेकिन जो छात्रों पर बीती है उसकी भरपाई नहीं कर सकते हैं.’