राजनाथ सिंह ने चीन को चेताया, कहा- हम शांति चाहते हैं पर आत्मसम्मान पर चोट नहीं करेंगे बर्दाश्त
India-China Standoff: केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच पड़ोसी मुल्क चीन को फिर से चेताया है. रक्षामंत्री ने कहा, 'नरम होने का मतलब यह कतई नहीं है कि कोई भी हमारे गौरव पर हमला कर सकता है और हम चुपचाप बैठकर देखेंगे.'
India-China Standoff: केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच पड़ोसी मुल्क चीन को फिर से चेताया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखता है, लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भारत चीन की विस्तारवादी नीति का जवाब देगा.
India will not tolerate anything that hurts its self-respect.
Being soft does not mean that anyone can attack our pride and we sit and watch silently. India will not compromise on its pride: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/9twfaiXtAV— ANI (@ANI) December 30, 2020
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘नरम होने का मतलब यह कतई नहीं है कि कोई भी हमारे गौरव पर हमला कर सकता है और हम चुपचाप बैठकर देखेंगे. भारत अपने स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी चीज़ को बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत अपने गौरव से समझौता कभी नहीं करेगा’.
ये नया भारत है, दे सकता है मुंहतोड़ जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में ये बातें कही. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘चीन के साथ सीमा विवाद (Border Conflict) से भारत जिस तरह से निपटा है, उसने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है. यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है.’
लद्दाख सीमा विवाद का अभी तक नहीं निकला ठोस हल
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘चीन के साथ लद्दाख सीमा पर जारी विवाद का अभी कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति बनी हुई है. इस बीच चीन के साथ बातचीत का सिलसिला जारी है, जल्द ही सैन्य लेवल की एक और चर्चा होनी है. हालांकि, अभी तक जो भी चर्चा हुई है उसका कोई नतीजा नहीं निकला है, लेकिन वो भी सही नहीं है.’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं दोहराना चाहता हूं कि हम संघर्ष नहीं शांति चाहते हैं, लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ उन्होंने कहा कि देश किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है.
राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता
देश की सुरक्षा के सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं पिछली सरकारों पर सवाल नहीं उठाना चाहता लेकिन मैं कह सकता हूं कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यभाल संभाला है, राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता रही है. हम अपने सुरक्षाबलों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं.’
पाकिस्तान के आतंकवाद से भी निपट रहे हैं
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सीमाओं पर छिटपुट संघर्षों को अंजाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि चार युद्धों में भारत से पराजित होने के बावजूद पड़ोसी देश आतंकवाद के जरिए ‘छद्म युद्ध’ छेड़ रहा है, लेकिन सैन्य बल और पुलिस आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं. पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के शिविरों पर भारत के हवाई हमलों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत न केवल देश के भीतर आतंकवाद (Terrorism) से प्रभावी ढंग से मुकाबला कर रहा है बल्कि सीमाओं के बाहर जाकर भी कार्रवाई कर रहा है.
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर कोई देश विस्तारवाद की नीति अपनाता है, तो भारत के पास उतनी ताकत है कि वो उसे अपनी जमीन में रुकने से रोक सके.
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत-चीन में लंबे वक्त से सीमा को लेकर विवाद है, ऐसे में अच्छा होता ये पहले ही खत्म होते. अगर ये खत्म हो गया होता, तो आज की स्थिति नहीं होती. चीन सीमा की अपनी ओर लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है, लेकिन भारत भी अपनी सेना और नागरिकों के लिए काम कर रहा है. हम किसी पर आक्रमण करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुविधा के लिए ऐसा कर रहे हैं.’
बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब अप्रैल से ही लद्दाख सीमा पर तनाव बरकरार है. दोनों ही देशों की सेना बड़ी संख्या में सीमा पर मुस्तैद हैं, अबतक दोनों देशों की सेना कई राउंड की बात कर चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है.
किसान आंदोलन में शामिल किसानों पर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों पर इस तरह का आरोप नहीं लगना चाहिए. उन्होंने कहा,’हम किसानों का सम्मान करते हैं, वो हमारे अन्नदाता हैं. सरकार किसानों के साथ कृषि कानून के हर मसले पर चर्चा करने को तैयार है, नए कानून किसानों की भलाई के लिए हैं. अगर किसी को कोई दिक्कत है तो सरकार चर्चा को तैयार है.’
वहीं, विपक्ष के लिए राजनाथ सिंह ने कहा कि वो एक किसान परिवार में पैदा हुए हैं, ऐसे में वो राहुल गांधी से अधिक खेती के बारे में जानते हैं. कृषि कानूनों को किसानों की भलाई के लिए लाया गया है.