कोरोना वायरस: जांच में तेजी के लिए पूल टेस्टिंग को अनुमति, बेहद कम हो सकता है खर्च
एकत्रित नमूनों (pooled samples) की स्क्रीनिंग के जरिए जांच में तेजी लाने में मदद मिल सकती है. कहा गया है कि इस जांच प्रक्रिया (Screening) में एक साथ पांच नमूनों की जांच की जाएगी.
नई दिल्ली. भारत में कोविड-19 (COVID-19) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसे देखते हुए, लैब द्वारा किए जा रहे टेस्ट की संख्या को बढ़ाना बहुत जरूरी है. हालांकि सकारात्मक तौर पर देखों तो मामलों की संख्या अब भी कम ही है. ऐसे में एकत्रित नमूनों (pooled samples) की स्क्रीनिंग के जरिए जांच (Testing) में तेजी लाने में मदद मिल सकती है. कहा गया है कि इस जांच प्रक्रिया में एक साथ पांच नमूनों की जांच की जाएगी.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Agarwal) ने मंगलवार शाम को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर सोमवार को 31,635 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. 24 घंटे में कोरोना के 1211 नए केस सामने आए हैं. जबकि 31 लोगों की मौत हो गई है. देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 10363 हो गई है. जबकि अभी तक 1036 मरीज ठीक हो चुके हैं.
पूल परीक्षण से खर्च बचाने में मिल सकती है खासी मदद
एक एकत्रित नमूने (pooled sample) परीक्षण एल्गोरिद्म में प्रतिरूप नमूनों की पीसीआर स्क्रीनिंग की जाती है. भारत में पांच नमूनों की एक साथ जांच किए जाने की बात कही गई है. ये प्रतिरूप कई व्यक्तिगत मरीजों से जुटाए जाएंगे. इसके बाद व्यक्तिगत टेस्टिंग तभी की जाएगी जब पूल संक्रमित पाया जाएगा. एक निगेटिव एकत्रित नमूने (negative pooled sample) में सभी व्यक्तिगत नमूनों को भी निगेटिव माना जाएगा. इस तरह अगर ज्यादातर पूल निगेटिव पाए जाते हैं तो खर्च बचाने में खासी मदद मिलती हैं.
तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच टेस्टिंग बढ़ाना महत्वपूर्ण
सोमवार को ही देश में परीक्षण बढ़ाने के प्रयासों के तहत कोरोना वायरस की आणविक जांच (Molecular testing) के मकसद से एकत्रित नमूनों (पूल्ड सैंपल्स) के उपयोग की संभावना के बारे में एक परामर्श जारी किया था.
परिस्थिति की आवश्यकता को देखते हुए देश के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा कि भारत में कोविड-19 (COVID-19) के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है तथा इसे देखते हुए प्रयोगशालाओं द्वारा परीक्षणों की संख्या बढ़ाया जाना काफी महत्वपूर्ण है.
केवल उन्हीं क्षेत्रों में होगी रियल टाइम जांच, जहां कोविड-19 का प्रसार बहुत कम
अनुसंधान निकाय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा कि कोरोना वायरस परीक्षण में रियल टाइम ‘‘RT-PCR’’ जांच के लिए नमूनों को इकट्ठा करने की सिफारिश केवल उन्हीं क्षेत्रों के लिए की जा रही है जहां कोविड-19 का प्रसार बहुत कम है.
इस परामर्श में कहा गया है कि निगेटिव पूल (Negative Pool) में सभी वैयक्तिक नमूनों को निगेटिव माना जाएगा.