काले धन वालों की खैर नहीं: भारत को फिर मिली स्विस खातों की डिटेल
भारत उन 86 देशों का हिस्सा है जिनके साथ स्वित्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने जानकारियां साझा (Swiss bank account details) करने का पैक्ट किया है. भारत को स्विस खातों से संबंधित जानकारी पहली बार सितंबर 2019 में हासिल हुई थीं.
नई दिल्ली. भारत को स्विस बैंक अकाउंट संबंधी जानकारियों (Swiss bank account details) की दूसरी खेप (India gets 2nd set) मिल गई है. ये जानकारी स्वित्जरलैंड के साथ ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इनफॉरमेशन पैक्ट (automatic info exchange framework) के तहत मिली हैं. केंद्र सरकार की काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में इसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.
पहली बार सितंबर 2019 में हासिल हुई थी जानकारी
भारत उन 86 देशों का हिस्सा है जिनके साथ स्वित्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने जानकारियां साझा करने का पैक्ट किया है. भारत को स्विस खातों से संबंधित जानकारी पहली बार सितंबर 2019 में हासिल हुई थीं.
31 लाख खातों की जानकारियां 86 देशों के साथ साझा की गईं
FTA द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि तकरीबन 31 लाख खातों की जानकारियां 86 देशों के साथ साझा की गई हैं. हालांकि भारत को लेकर विज्ञप्ति में कोई अलग से जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि भारत उन प्रमुख देशों में है जिन्हें FTA ने जानकारी साझा की है.
यह भी जानकारी दी गई है कि स्विस खातों में अच्छी खासी संख्या में भारतीयों से जुड़े खाते हैं. इससे इतर स्विस प्रशासन ने 100 भारतीय नागरिकों से संबंधित खातों की जानकारी पूर्व में भारत के साथ शेयर की हैं.
राजनीतिक मुद्दा रहा है कालाधन
गौरतलब है कि भारत में काला धन राजनीतिक मुद्दा रहा है. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कालेधन को बड़ा मुद्दा बनाया था. बाद में 2014 के चुनाव में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी रहे नरेंद्र मोदी भी इस मुद्दे को उठाया था. पीएम बनने के बाद 8 नवंबर 2016 को सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के पीछे भी काले धन को एक बड़ा कारण बताया गया था.