ऐसा पहली बार हुआ है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) आदिवासी महिलाओं (Tribal Women) के साथ झूमती दिखी हों. ये महिलाएं एक कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक नृत्य कर रही थीं. इस डांस का नजारा देखकर वहां मौजूद लोग चकित थे.
ममता बनर्जी मालदा में एक सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आई थीं. इस समारोह में 300 आदिवासी जोड़ों का सामूहिक विवाह हो रहा था. पश्चिम बंगाल सरकार की ‘रूपाश्री प्रकल्प योजना’ (Rupashree Prakalpa scheme) के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस योजना के तहत आर्थिक तौर पर असक्षम परिवारों की बेटियों की शादी में मदद के लिए एक बार 25 हजार रुपये की सहायता दी जाती है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने तय किया है कि कोई भी आदिवासियों से उनकी जमीन न छीन सके. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने यह तय किया है कि कोई भी आदिवासी (Tribal) परिवारों से उनकी जमीन न छीन सके. एक आदिवासी अपनी जमीन का पूरी तरह से रखवाला होगा.”
ममता बनर्जी ने लोगों को ‘जय जोहार पेंशन योजना’ की जानकारी भी दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ऐसा ही सामूहिक विवाह के कार्यक्रम का आयोजन अप्रैल के दूसरे या तीसरे हफ्ते में उत्तरी बंगाल के चाय बागानों (Tea gardens of north Bengal) में होगा. उन्होंने कहा, “हम आदिवासी इलाकों में हर साल ऐसे ही सामूहिक विवाहों का आयोजन करेंगे.”