किसान आंदोलन LIVE:अवॉर्ड लौटाने राष्ट्रपति भवन जा रहे 30 एथलीट्स को पुलिस ने रोका; कल सुबह 11 से दोपहर 3 बजे के बीच भारत बंद

नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer's Protest) को अब पंजाबी के मशहूर कवि सुरजीत पातर (Surjit Patar) का भी समर्थन हासिल हो गया है. पातर ने कहा है-'मैं दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार के व्यवहार से आहत हूं. लगातार प्रयासों के बावजूद अब तक किसानों के लिए कोई निर्णायक उम्मीद नहीं बन पाई है. इसी वजह से किसानों के समर्थन में मैं अपना पद्म श्री पुरस्कार वापस कर रहा हूं.' गौरतलब है कि सुरजीत पातर पंजाबी के मशहूर कवि हैं. उनकी कविताएं आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं

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नई दिल्ली। तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है। किसानों के समर्थन में आज पंजाब के 30 एथलीट्स अवॉर्ड लौटाने राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया।

कल 11 बजे से 3 बजे तक किसानों का भारत बंद
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम शांति से प्रदर्शन करते रहेंगे। हम आम आदमी को परेशान नहीं करना चाहते। मंगलवार को भारत बंद का समय 11 बजे से 3 बजे तक इसीलिए रखा है, क्योंकि 11 बजे तक ज्यादातर लोग ऑफिस पहुंच जाते हैं और 3 बजे छुट्टी होनी शुरू हो जाती है।

अखिलेश यादव लखनऊ में हिरासत में लिए गए
किसानों को समर्थन देने के लिए सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ लखनऊ से कन्नौज जाने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ में ही रोक दिया। इसके बाद अखिलेश वहीं धरने पर बैठ गए। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अखिलेश के समर्थक पुलिस से उलझते नजर आए। पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

केजरीवाल बोले- केंद्र ने 9 स्टेडियमों को जेल बनाने का दबाव डाला था
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘किसानों का मुद्दा और संघर्ष जायज है। हम किसानों के संघर्ष में शुरू से ही साथ रहे हैं। केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने हमसे 9 स्टेडियमों को जेल बनाने की परमिशन मांगी थी। हम पर खूब दबाव बनाया गया, लेकिन हमने परमिशन नहीं दी। केंद्र सरकार चाहती थी कि किसानों दिल्ली आएं और उन्हें जेल में डाल दें।’

सरकार का तंज- आप करें तो किसानों का कल्याण, हम करें तो सड़क पर आते हैं
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर आज विपक्ष का दोहरा चरित्र सामने आया है। यह खतरनाक है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मंडी व्यवस्था खत्म करने की बात कही थी। शरद पवार ने इसके लिए दो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी भी लिखी थी। आज विपक्ष सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध कर रहा है। केजरीवाल ने पहले गजट पास किया, अब किसानों के पक्ष में खड़े हो गए हैं। आप कुछ करें तो वो किसानों का कल्याण है, हम करें तो आप सड़क पर उतर आते हैं।

प्रदर्शनकारी ने टावर पर मोदी का पुतला टांगा
अमृतसर से आए प्रदर्शनकारी अमरिंदर गिल एक टावर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला लटका दिया। उनका कहना है कि मोदी को इतने दिनों से हमारा प्रदर्शन नजर नहीं आ रहा था। अब उनका पुतला टांग दिया है, ताकि वे देख सकें कि किसान किस तरह संघर्ष कर रहे हैं।

दिल्ली में टावर पर मोदी का पुतला लटकाते हुए प्रदर्शनकारी।
दिल्ली में टावर पर मोदी का पुतला लटकाते हुए प्रदर्शनकारी।

8 दिसंबर के बंद से एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियों को छूट
किसानों के 8 दिसंबर के भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस समेत 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस उतर आए हैं। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी आज किसान आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया। उधर, किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने बताया कि मंगलवार को बंद के दौरान एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी।

लंगरों में इतना अनाज कि दान देने वालों के मना करना पड़ रहा
प्रदर्शन करने वालों किसानों के लिए अनाज दान देने वालों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि लंगर लगाने वालों को दान देने वालों से हाथ जोड़कर मना करना पड़ रहा है। हर लंगर पर कई दिनों की जरूरत का अनाज जमा है।

सीएम योगी का बड़ा बयान, बोले- किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीतिक दल फैला रहे अराजकता

केंद्र सरकार (Central Government) के कृषि बिल (Agriculture Act) के विरोध में जहां देशभर के किसान आन्दोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. इसी बीच सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विपक्ष पर प्रदेश और देश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया. सीएम योगी ने कहा कि देश के कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. खासतौर पर APMC एक्ट पर राजनीतिक दलों का वर्तमान रवैया उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है. भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अराजकता फैलाई जा रही है. उन्हाेंने कहा कि केंद्र ने किसानों के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं.

सीएम योगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले छह वर्षों में किसानों की भलाई के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं और अब जब केंद्र की मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए कृषि कानून लागू कर रही है तो वो भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है. कांग्रेस और उसके सहयोगी दल किसानों को अपना हथियार बनाते रहें हैं. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में भी एपीएमसी एक्ट लाने की बात कही थी. यूपीए शासन के दौरान सभी पार्टियों ने एपीएमसी एक्ट को लागू करने का समर्थन किया था पर अब वो इसका विरोध कर रहे हैं.

किसानों का अगला टारगेट- बदरपुर बॉर्डर पर डालना है डेरा
किसानों और सरकार के बीच हुई 5 दौर की बातचीत के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका है। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के कई बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान भी कर चुके हैं। उनका अगला टारगेट बदरपुर बॉर्डर को बंद करने का है। इसे लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ चुकी हैं। पुलिस भी अपने स्तर पर किसानों की स्ट्रैटजी पता लगाने की कोशिश में लगी है।

उधर, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन किसानों को दिया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी किसान यात्रा में शामिल होने के लिए कन्नौज जाने वाले थे लेकिन उन्हें लखनऊ में ही गिरफ्तार कर लिया गया है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों बिल किसानों को बर्बाद कर देंगे. सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात की थी पर अब उनकी जमीन छीन रही है.

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