आज दोपहर पृथ्वी से होकर गुजरेगा एवरेस्ट के आकार का उल्कापिंड, जानें खास बातें
इस उल्कापिंड की खोज हवाईद्वीप समूह पर नीट नाम के प्रोग्राम के तहत हुई थी. इसकी रफ्तार 19 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है.
नई दिल्ली. उल्कापिंड (Asteroid) का एक बड़ा रूप क्षुद्र ग्रह बुधवार सुबह पृथ्वी के पास से होकर गुजरेगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के सेंटर फॉर नियर अर्थ स्टडीज के मुताबिक, इस उल्कापिंड का नाम 1998 OR2 है. ईस्टर्न टाइम के अनुसार ये बुधवार सुबह 5:56 मिनट पर और भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे के आसपास पृथ्वी के करीब से होकर गुजरेगा. अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पृथ्वी से लगभग 40 लाख मील के फासले से गुजर जाएगा और हम सुरक्षित बच जाएंगे.
इस उल्कापिंड की खोज हवाईद्वीप समूह पर नीट नाम के प्रोग्राम के तहत हुई थी. इसकी रफ्तार 19 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है. इसकी ताजा तस्वीर सामने आई है. ये एक ऐतिहासिक खगोलीय घटना होगी. इसके बाद ये क्षुद्र ग्रह 2079 में आएगा. तब यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा.
कितना बड़ा है आकार?
इस विशाल अंतरिक्ष चट्टान का अनुमानित व्यास 1.1 से 2.5 मील (1.8 से 4.1 किलोमीटर) है, या अमेरिका के मैनहट्टन आइलैंड के बराबर चौड़ा है. मजे की बात यह है कि इसकी आकृति किसी मास्क लगाए चेहरे जैसी नज़र आ रही है. मास्क जैसी आकृति का कारण इस पर मौजूद पहाड़ी नुमा स्थान और खाली मैदानों की लकीरें हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस उपग्रह को संभावित खतरनाक वस्तु के रूप में वर्गीकृत किया गया है, क्योंकि यह 500 फीट से भी बड़ा है और पृथ्वी की कक्षा के 75 लाख किलोमीटर के भीतर आता है. इसलिए यह भविष्य में पृथ्वी के लिए खतरा बन सकता है. अरेकिबो वेधशाला (Arekibo Observatory) के विशेषज्ञ फ्लेवियन वेंडीटी ने कहा कि साल 2079 में यह उल्कापिंड इस साल की तुलना में पृथ्वी के करीब 3.5 गुना ज्यादा पास होगा, इसलिए इसकी कक्षा को ठीक से जानना महत्वपूर्ण है.
बता दें कि हर 100 साल में उल्कापिंड के धरती से टकराने की 50 हजार संभावनाएं होती हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार उल्कापिंड जैसे ही पृथ्वी के पास आता है तो जल जाता है. आज तक के इतिहास में बहुत कम मामला ऐसा है जब इतना बड़ा उल्कापिंड धरती से टकराया हो. धरती पर ये उल्कापिंड कई छोटे-छोटे टुकड़े में गिरते है. जिनसे किसी प्रकार का कोई नुकसान आज तक नहीं हुआ है.