ख़लिस्तानी संगठन और उससे जुड़े NGO पर बड़े क्रैकडाउन की तैयारी में गृहमंत्रालय-सूत्र

गृहमंत्रालय (Home Ministry) के अनसुार यह संगठन यूके, कनाडा, यूएसए (USA), ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से संचालित हो रहे हैं.

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नई दिल्ली. जिस तरीके से कश्मीर में अलगाववादी संगठनों और आतंकी संगठनों पर कार्रवाई हुई है, उसी तर्ज पर ख़लिस्तानी संगठनों, इससे जुड़े एनजीओ और ख़लिस्तानी आतंकियो पर कार्रवाई होगी. सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय इनसे जुड़े एनजीओ पर बड़े क्रैकडाउन (crackdown) की तैयारी कर रहा है. जांच के लिए टीम भी बनाई गई हैं. टीम एसएफजे (सिख फ़ॉर जस्टिस), बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान ज़िन्दाबाद फ़ोर्स, खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स पर शिकंजा कसने और इन संगठनों के विदेशी फंडिंग पैटर्न को खंगालेंगी.

किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर कर रहे हैं खालिस्तान समर्थक

गृहमंत्रालय के सूत्रों की मानें तो हाल ही में यूके, कनाडा और यूएसए में खालिस्तान समर्थको ने भारत मे चल रहे “किसान आंदोलन” को लेकर कई जगहों पर विदेशी दूतावास पर प्रोटेस्ट किया था. जिसके बाद ये कदम उठाया गया है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस प्रोटेस्ट में एसएफजे, खालिस्तान ज़िन्दाबाद फ़ोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे संगठन शामिल थे. गृह मंत्रालय की तरफ से एनआईए, ईडी, सीबीआई और इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट को खालिस्तानी संगठनों पर क्रैकडाउन करने के निर्देश दिए गए हैं.

सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय में सभी एजेंसियों की हाल ही में एक बड़ी बैठक हुई थी. इसी बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है. सूत्रों का यह भी कहना है कि बैठक में एक फैसला यह भी लिया गया है कि जल्द ही गुर पतवंत सिंह पुन्नम, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज़्ज़र जैसे ख़ालिस्तानी आतंकियो की भारत में मौजूद प्रॉपर्टी जब्त करने और विदेशी फंडिंग पर बड़ा शिकंजा कसने की कार्रवाई भी की जाएगी.

 

सोशल मीडिया में नफरत फैलाने वालों पर पुलिस की नजर

पुलिस अब सोशल मीडिया पर सक्रिय उन लोगों पर नजर रख रही है, जो लोगों को धर्म के नाम पर गुमराह करते हैं। इसके अलावा खालिस्तानी विचारधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें कुछ ऑनलाइन वेब पोर्टल व चैनल हैं। पुलिस के अनुसार इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे गई है। जल्दी ही इन पर गाज गिर सकती है।

साल 2018 से अब तक दो  दर्जन पकड़े और  कई मॉड्यूल होने की आशंका

सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में मार्च 2017 से अक्तूबर 2020 तक 27 मॉड्यूल तोड़े जा चुके हैं, जबकि इस साल में करीब 3 नए मॉड्यूल पकड़े गए हैं। अभी भी एक दर्जन और मॉड्यूल होने की आशंका जताई जा रही है। यही कारण है कि ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत पंजाब और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर अक्तूबर में जालंधर के दो शिक्षण संस्थानों पर छापेमारी करके खतरनाक हथियारों की बरामदगी की। इसके अलावा पंजाब के कई हिस्सों में करीब तीन साल में 20 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई हैं। यह गिरफ्तारियां लुधियाना, फरीदकोट, अमृतसर, मोहाली, जालंधर और पटियाला समेत कई इलाकों से हुई हैं।

 

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