नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) की नेता हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने कहा कि उन्हें बहुत दुख पहुंचा कि उनकी बात नहीं सुनी गई. हरसिमरत कौर ने कहा कि सरकार को इन विधेयकों को आगे बढ़ाने से पहले किसानों की सभी आशंकाओं को दूर करना चाहिए. हरसिमरत ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मैं सरकार से लगातार अनुरोध करती रही कि किसानों की सभी आशंकाओं और डर को दूर किये बिना कृषि विधेयकों को आगे नहीं बढ़ाया जाए. इन विधेयकों को संसद की प्रवर समिति के पास भेज दिया जाना चाहिए और सरकार को सभी संबद्ध पक्षों, खासतौर से किसानों से बातचीत करनी चाहिए.”
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मंत्रिपरिषद में अध्यादेश आने के बाद से मैं इसका विरोध करती रही हूं, पंजाब और किसानों के प्रतिनिधि के रूप में अपने कर्तव्य को निभाते हुए मंत्री पद छोड़ा. हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि बहुत दुख हुआ कि मेरी आवाज नहीं सुनी गई, इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर संसद की बहस में भाग लेने के लिए मैं अपनी मां को आईसीयू में छोड़कर पहुंची थी. हरसिमरत कौर ने गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
हरसिमरत कौर ने किया था ये ट्वीट
हरसिमरत कौर ने ट्वीट कर लिखा, “मैंने किसान विरोधी अध्यादेश और कानून के विरोध में केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. मुझे गर्व है कि मैं किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन की तरह खड़ी हूं.” केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थीं.
अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है. लोकसभा में अकाली दल के दो सांसद हैं जबकि राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल के सांसदों की संख्या तीन है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार सुबह हरसिमरत कौर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.