गुजरात हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कोरोना टेस्ट के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी नहीं, केवल डॉक्टर का पर्चा चाहिए होगा
गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने शुक्रवार को कहा कि डॉक्टर अगर कोविड-19 का टेस्ट (coronavirus test) कराने के लिए कहते हैं तो इसके लिए किसी भी तरह की सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है.
अहमदाबाद. गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने शुक्रवार को प्राइवेट डॉक्टरों और लोगों को राहत दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर अगर कोविड-19 का टेस्ट (coronavirus test) कराने की सलाह देते हैं तो इसके लिए किसी भी तरह की सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है. कोविड टेस्ट के लिए सिर्फ डॉक्टर का पर्चा चाहिए होगा.
अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) ने गुजरात सरकार के आदेश के खिलाफ अहमदाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गुजरात सरकार ने निजी डॉक्टरों और अस्पतालों को नामित स्वास्थ्य अधिकारियों से अप्रूवल मिले बिना COVID-19 परीक्षणों के संचालन पर रोक लगाई है. हाई कोर्ट में अपनी बात रखते हुए एएमए ने तर्क दिया कि डॉक्टरों की राय को अंतिम माना जाना चाहिए, क्योंकि अगर कोविड टेस्ट में देरी होती है तो इससे मरीज और डॉक्टर दोनों पर असर पड़ सकता है. एएमए ने कहा आमतौर पर मंजूरी मिलने में 2 से 3 दिन का समय लगता है.
सरकार को लगाई फटकार
याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने सरकार से पूछा कि लोगों को जांच कराने से क्यों रोका जा रहा है, जबकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) राज्य में कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण की जांच के लिए 12 प्रयोगशालाओं को पहले ही मान्यता दे चुकी है. पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि जांच सरकार की पूर्व मंजूरी के बगैर की जा सकती है. चिकित्सकों की सलाह पर किसी मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला से जांच कराई जा सकती है. पीठ ने इस बात का जिक्र किया कि मंजूरी मांगने के बजाय चिकित्सकों को सरकार को महज सूचना देनी होगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई एक जनहित याचिका के साथ की, जिसमें मार्च के बाद से कोरोनो वायरस महामारी से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में सुनवाई की जा रही है. न्यायाधीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनहित याचिका और उनके मामलों से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे हैं.