कोरोना वायरस के शिकार शख्स की नहीं होगी अटॉप्सी, न ही शव छू पाएंगे परिजन- सरकार ने दिए निर्देश

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच पीड़ितों के शव को कैसे संभालना है, इस बारे में जागरूकता की कमी के कारण भारत सरकार ने इस संबंध में कई सलाह जारी की हैं.

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार ने फैसला किया है वह अपने राज्य में कोरोना वायरस  (Coronavirus) के शिकार हुए शख्स का शव उनके परिजनों को नहीं सौंपेगी. उत्तर 24 परगना स्थित दमदम के रहने वाले 57 वर्षीय शख्स के शरीर के विभिन्न अंगों ने सोमवार करीब 3.35 बजे काम कर देना बंद कर दिया था, जिसके उसकी मौत हो गई. कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी के बीच पीड़ितों के शव को कैसे संभालना है, इस बारे में जागरूकता की कमी के कारण भारत सरकार ने इस संबंध में कई सलाह जारी की हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी बरतने पर स्वास्थ्य कर्मियों या परिवार के सदस्यों के शरीर से संक्रमित होने की बहुत कम संभावना होती है. चूंकि कोरोनो वायरस रोगी के फेफड़ों से संबंधित जोखिम होता है, इसलिए सरकार ने अटॉप्सी ना करने का फैसला किया है.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने साल्टलेक में निजी अस्पताल के अधिकारियों को लिखा है कि ‘यह सुनिश्चित किया जाए कि शव को संभालने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी हाथों की स्वच्छता बनाये रखें और सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरणों से लैस रहें, जिसमें वाटर प्रूफ एप्रन, दस्ताने, मास्क और आई वियर शामिल है.’

सरकारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि जिस बैग में शव को लपेटा जायेगा उसका डिसिन्फेक्शन जरूरी है. किसी भी तरह के घाव को 1% हिपोक्लोरिट की मदद डिसइन्फेक्ट किया जाये. स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘हमने शरीर से किसी भी तरह के तरल रिसाव को रोकने के लिए अस्पताल से कहा है कि वह मुंह, नाक बंद कर दें. हम ऐसा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि सीमित संख्या में परिवार के सदस्यों को दूर से शरीर के अंतिम दर्शन की अनुमति होगी. अधिकारी ने कहा, ‘केवल एक व्यक्ति को अंतिम संस्कार करने और एक निश्चित दूरी से शरीर पर गंगा जल छिड़कने की अनुमति होगी. उसके बाद उस शख्स को भी सेनेटाइज किया जाएगा. कोई शरीर छूने, स्नान, चुंबन या गले लगाने अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि, अंतिम संस्कार करने के बाद मृतक के अवशेष लिये जा सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि दाह संस्कार के दौरान मौजूद रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को रिकॉर्ड रखने के लिए पूरी प्रक्रिया का वीडियो ग्राफ बनाने के लिए कहा गया है.’

बता दें पीड़ित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की थी. उन्हें बुखार और सूखी खांसी के चलते निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह राज्य का चौथा मामला था जिन्हें 20 मार्च को COVID-19 के लिए पॉजिटिव टेस्ट किया था. पिछले एक सप्ताह से उनके संपर्क में रह रहे परिजनों को भी इसी निजी अस्पताल में आइसोलेट किया गया है.

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