भारत में गुजर गया कोरोना संक्रमण का पीक, सर्दियों में दूसरी लहर की आशंका नहीं कर सकते खारिज: सरकारी पैनल
Covid 19 in India: सरकार की ओर से गठित वैज्ञानिकों की इस कमेटी का कहना है कि अगर भारत में मार्च में कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन न लगाया जाता तो देश में अब तक कोविड 19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा 25 लाख पार कर जाता.
कमेटी में शामिल नीति आयोग के सदस्य पॉल ने कहा कि पिछले तीन हफ्ते से देश में भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों और इससे होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन सर्दियों के कोरोना की दूसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता है. सरकार की ओर से गठित वैज्ञानिकों की इस कमेटी का कहना है कि अगर भारत में मार्च में कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन न लगाया जाता तो देश में अब तक कोविड 19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा 25 लाख पार कर जाता. लेकिन लॉकडाउन के कारण फायदा मिला और अब तक देश में 1.14 लाख मौतें हुई हैं. हालांकि सर्दियों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है.
सरकार की ओर से गठित की गई वैज्ञानिकों की इस कमेटी में केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन भी शामिल हैं. इस कमेटी के प्रमुख आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर हैं. पॉल का कहना है कि हम सर्दी के मौसम में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं कर सकते. एक बार टीका आ जाए, उसके बाद उसे नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं.
मंत्रालय ने कहा कि देश में संक्रमण से उबरने की दर 88.03 प्रतिशत है. मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत लगभग 22 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में 20 हजार से भी कम कोविड-19 रोगियों का इलाज चल रहा है.