क्रिकेट में फिक्सिंग से भूचाल लाने वाले संजीव चावला को ब्रिटेन से भारत लाया गया

साल 2000 के मैच फिक्सिंग कांड (Match Fixing) में साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम के कप्तान हैंसी क्रोन्ये की संलिप्तता भी पाई गई थी.

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नई दिल्ली. 20 साल पहले क्रिकेट जगत को हिलाकर रख देने वाले मैच फिक्सिंग कांड के मुख्य आरोपी बुकी संजीव चावला (Sanjeev Chawla) को आखिरकार ब्रिटेन से भारत लाने में सफलता मिल गई है. दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक टीम लंदन से उसे लेकर करीब 11 बजे यहां पहुंच गई. भारत और ब्रिटेन के बीच साल 1992 में प्रत्यर्पण संधि होने के बाद से यह किसी हाई प्रोफाइल मामले का पहला सफल प्रत्यर्पण है. साल 2000 के मैच फिक्सिंग कांड में तब साउथ अफ्रीकी टीम के कप्तान हैंसी क्रोन्ये की संलिप्तता ने दुनियाभर के क्रिकेटरों और इस खेल के प्रशंसकों को हैरान कर दिया था.

इस मामले की जांच कर रही टीम के मुखिया दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त केके पॉल के अनुसार मैच फिक्सिंग कांड में चावला लगातार हंसी क्रोन्ये के संपर्क में थे. बेशक अब हैंसी इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन चावला के अन्य लोगों से भी संपर्क हैं. जब साल 2000 में इस मामले का खुलासा हुआ तब संजीव चावला इंग्लैंड में था. चावला को लाने की कोशिशें आखिर 20 साल बाद रंग लाईं. इतने लंबे वक्त से सरकार उसे यहां लाने को लेकर लगातार प्रयास कर रही थी. संजीव चावला साल 1996 में यूके चला गया था. एक फरवरी 2016 को भारत सरकार ने चावला के प्रत्यर्पण को लेकर आग्रह किया.

जुलाई 2013 में हुई चार्जशीट


दिल्ली पुलिस ने साल 2000 में मैच फिक्सिंग (Match Fixing) मामले में केस दर्ज करने के 13 साल बाद जुलाई 2013 में संजीव चावला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इसमें पुलिस ने फोन रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोप लगाया कि चावला ने हैंसी क्रोन्ये (Hansie Cronje) को रिश्वत दी थी. इस रिकॉर्डिंग में चावला और हैंसी क्रोन्ये के बीच हुई बातचीत को साफ सुना जा सकता है. पुलिस के अनुसार, चावला को दक्षिण अफ्रीका में बसे एक भारतीय मूल के बिजनेसमैन ने हैंसी क्रोन्ये से मिलवाया था.

हैंसी क्रोन्ये को धमकाता था चावला
3000 पेज की चार्जशीट में पुलिस ने ये भी कहा कि साल 2000 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही सीरीज के दौरान संजीव चावला (Sanjeev Chawla) पूरे समय हैंसी क्रोन्ये (Hansie Cronje) के संपर्क में था. चावला पर तब हैंसी क्रोन्ये को दो किस्तों में 15000 डॉलर बतौर रिश्वत देने का भी आरोप है. चार्जशीट में संलग्न क्रोन्ये के बयान में ये बात भी सामने आई है कि चावला ने साउथ अफ्रीका के तत्कालीन कप्तान को धमकाना शुरू कर दिया था.

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ऐसे हुआ था मामले का  खुलासा

दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने संजीव चावला (Sanjeev Chawla) और हैंसी क्रोन्ये (Hansie Cronje) के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया. इस बातचीत में दोनों मैच फिक्स करने को लेकर बात कर रहे थे. हालांकि साल 2002 में एक प्लेन क्रैश में हैंसी का निधन हो गया, जिसके बाद उनके खिलाफ जांच को रोक दिया गया. जबकि चावला को धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में कोर्ट की कार्यवाही का सामना करना होगा. अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे सात साल तक की सजा हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इस मामले में वह पहला आरोपी होगा, जिसे सजा सुनाई जाएगी. पुलिस के अनुसार सिटी कोर्ट में पेश करने के बाद चावला से पूछताछ की जाएगी और फिर उसे तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा.

कौन है संजीव चावला और कैसे फंसा दिल्ली पुलिस के जाल में
संजीव चावला दिल्ली का बिजनेसमैन है. चावला साल 1996 में बिजनेस वीजा पर ब्रिटेन चला गया था, लेकिन नियमित रूप से भारत आता रहता था. पुलिस ने एक संगठित अपराध के मामले में नाम आने के बाद संजीव चावला (Sanjeev Chawla)  का फोन टैप करना शुरू कर दिया था. इसी फोन टैपिंग के दौरान साल 2000 में उसके और हैंसी क्रोन्ये (Hansie Cronje) के बीच मैच फिक्सिंग को लेकर हुई बातचीत का खुलासा हो गया. साल 2000 में चावला के भारतीय पासपोर्ट को अवैध घोषित कर दिया गया. साल 2005 में उसे यूके का पासपोर्ट मिल गया. चावला अब 50 साल का हो चुका है.

संजीव चावला के खिलाफ इन मामलों में एफआईआर
अप्रैल 2000 में दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत संजीव चावला (Sanjeev Chawla) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इस मामले में हैंसी क्रोन्ये की टीम के साथी खिलाड़ी हर्शल गिब्स, पीटर स्ट्राइडम और निकी बोए का नाम भी एफआईआर में दर्ज था.

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